शिव आराधना में लीन रहे श्रद्धालु

श्रावण मास के पहले सोमवार को तड़के से ही शिवालयों के बाहर भक्तों की लंबी लाइन लगी रही।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 11:18 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 11:18 PM (IST)
शिव आराधना में लीन रहे श्रद्धालु
शिव आराधना में लीन रहे श्रद्धालु

जासं, बागेश्वर : श्रावण मास के पहले सोमवार को तड़के से ही शिवालयों के बाहर भक्तों की लंबी लाइन लग गई। बारिश के बाद भी भक्त बड़ी तादात में पूजा अर्चना को पहुंचे। शिव आराधना में सुबह से ही भक्त लीन रहे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए श्रद्धालुओं से शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है। लेकिन भक्तों की भीड़ ने सारे नियम कायदे ताक पर रख दिए। जिले में बागनाथ मंदिर, बैजनाथ मंदिर सहित कई मंदिर आस्था के केंद्र हैं। मंदिर कमेटी अध्यक्ष नंदन रावल ने कहा कि भगवान शिव का जल धारा, बिल्व पत्र और दूध-दही से अभिषेक किया जाना चाहिए। श्रावण मास में की गई शिव उपासना बहुत ही फलदायी होती है और इसका फल बहुत जल्दी मिलता है। उन्होंने लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन करने की अपील की। इस बार श्रावण मास में चार सोमवार आएंगे। छह अगस्त को प्रदोष व्रत रहेगा। वहीं 13 अगस्त को नाग पंचमी आएगी। धाíमक मान्यता है सावन के महीने में भगवान शिव की पूजन-अर्चना से भोले बाबा की कृपा बरसती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन भगवान शंकर का महीना माना जाता है। शिव का अर्थ कल्याण है। कहा जाता है कण-कण में भगवान शिव का वास है। सावन का महीना 16 जुलाई शुक्रवार से शुरू हो गया है।

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शिवालयों में गूंजा ॐ नम: शिवाय

गरुड़: कत्यूर घाटी के प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर, चक्रव्रतेश्वर मंदिर, दिव्येश्वर, प्रकटेश्वर, कंठेश्वर, कपिलेश्वर, घिघेश्वर आदि शिवालयों में प्रात:काल से ही शिव भक्तों की भीड़ लग गई।भक्तों को जलाभिषेक के लिए लाइन लगानी पड़ी। बारिश की फुहारों के बीच ॐ नम: शिवाय मंत्र के साथ शिवभक्तों व महिलाओं ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। पूजा अर्चना की। इस मौके पर भक्तों ने भजन कीर्तन गाए और पुष्पांजलि का आयोजन किया। घरों में शिव भक्तों ने पाíथव पूजन कर भगवान भोलेनाथ की महिमा का गुणगान किया और लोगों को प्रसाद वितरित किया।

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