बागेश्वर जिले के गड़सेर के ग्रामीणों का तहसील में प्रदर्शन
गरुड़ नगर पंचायत के विरोध में गड़सेर के ग्रामीणों ने तहसील में प्रदर्शन किया।
संवाद सूत्र, गरुड़ : नगर पंचायत के विरोध में गड़सेर के ग्रामीणों ने तहसील में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि गड़सेर मानकों के अनुरूप नहीं आता है। अगर क्षेत्रवासियों की उपेक्षा की तो आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा।
नगर पंचायत की पहली बैठक से पूर्व गड़सेर के ग्रामीणों ने तहसील में नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि राज्य सरकार के मानक के विरुद्ध गड़सेर गांव को बिना जन सहमति लिए नगर पंचायत में शामिल कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व से ही ग्रामीणों ने विरोध किया, आपत्ति भी दर्ज कराई, कितु किसी ने नहीं सुनी। ग्रामीणों ने कहा कि गड़सेर गांव के चारों ओर डेढ़ किमी में धान की खेती लहरा रही है।यहां के अस्सी प्रतिशत लोग कृषि से आजीविका कमा रहे हैं, जबकि नगर पंचायत का मानक कहता है कि अस्सी प्रतिशत लोगों की जीविका का साधन कृषि से भिन्न होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1955 से आज तक शासन ने सैटलमेंट नहीं कराया है।उन्होंने कहा कि यदि नगर पंचायत बनानी जरुरी है तो पहले शासन सैटलमेंट कराए। गड़सेर को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में मानक के अनुसार नगर पंचायत का गठन हो।गड़सेर मानकों के अनुरुप नहीं आता है, उसे तुरंत नगर पंचायत क्षेत्र से हटाया जाए।ग्रामीणों के इस आंदोलन को कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि वे किसानों की जमीन को किसी भी कीमत पर छिनने नहीं देंगे।इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण, किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रकाश कोहली, ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष लक्ष्मण आर्या, पूर्व ग्राम प्रधान नवीन ममगाई, भुवन पाठक, गणेश भट्ट, राहुल बिष्ट, पूरन चंद्र भट्ट, कैलाश भट्ट, गणेश जोशी, मोहन राम आर्या, राजेंद्र भट्ट, शंकर दत्त जोशी, बहादुर सिंह बिष्ट समेत दर्जनों ग्राम प्रधान मौजूद थे।