बार और बैंच के बीच समन्वय जरूरी

बागेश्वर के जिला जज सीपी बिजल्वाण ने कहा कि बार और बैंच के बीच समन्वय बनाना जरूरी है। वह बार एसोसिएशन के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Mar 2021 11:31 PM (IST) Updated:Sat, 13 Mar 2021 11:31 PM (IST)
बार और बैंच के बीच समन्वय जरूरी
बार और बैंच के बीच समन्वय जरूरी

जासं, बागेश्वर : जिला जज सीपी बिजल्वाण ने कहा कि बार और बैंच के बीच समन्वय बनाना जरूरी है। कानून की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे, इसका भी जिला बार एसोसिएशन को विशेष ध्यान रखना है।

जिला जज बिजल्वाण शनिवार को तहसील परिसर में आयोजित जिला बार एसोसिएशन के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने जिला बार एसोसिशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष विनोद भट्ट, उपाध्यक्ष राजेश रौतेला, सचिव चंदन ऐठानी, सह सचिव ओम प्रकाश तिवारी, कोषाध्यक्ष पंकज धपोला, पुस्तकालयाध्यक्ष दीप चंद्र, कार्यकारिणी सदस्य बसंत बल्लभ पाठक आदि को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद पदाधिकारियों ने कहा कि गरीब और गांव के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाना उनका कर्तव्य है। इसके अलावा अधिवक्ताओं की समस्याओं को लेकर वह सजग रहेंगे।

जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि जिला बार एसोसिएशन की समस्याओं का हरसंभव समाधान होगा। इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता गोविद भंडारी और संचालन मनोज जोशी ने किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि अधिवक्ता बसंत कुमार, रणजीत बोरा, एसपी अमित श्रीवास्तव, अपर जिला जज कुलदीप शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लक्ष्मण सिंह, कुंदन धपोला, शिवराज सिंह राणा, दिनेश कुमार, मनोज कुमार जोशी, रती लाल शाह, डीआर वर्मा, दलीप सिंह खेतवाल, कुंडल धपोला, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव त्रिचा रावत, दीपिका आर्या आदि मौजूद थे।

इधर पूर्व सैनिक ने भूमि आवंटन करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार में दस सदस्य हैं। वर्तमान में जिस मकान में वह रह रहे हैं वहां अब स्थान नहीं बचा है। उनके पास आवास और गोशाला बनाने के लिए भूमि नहीं है।

जिलाधिकारी विनीत कुमार को सौंपे ज्ञापन में फरसाली गांव निवासी पूर्व सैनिक हयात सिंह ने कहा कि 1992 से वह भूमि आवंटन की गुहार कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी मांग पूरी नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने देश सेवा की सीमाओं में ईमानदारी के साथ तैनाती दी। सेवानिवृत्त होकर घर आए लेकिन उनके नाम पर भूमि नहीं है। उनके गांव में पैतृक मकान है, जहां वह परिवार के साथ रहते हैं। वर्तमान में उनके परिवार में दस सदस्य हैं। उनके रहने के लिए जगह नहीं है।उनके पास गोशाला भी नहीं है। उन्होंने भूमि आवंटन करने की मांग की है।

chat bot
आपका साथी