बागनाथ मंदिर में बिजोरा बनकर तैयार, 400 साल बाद बदला

बागेश्वर में बागनाथ मंदिर का नया छज्जा (बिजोरा) बनकर तैयार हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 09:33 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 09:33 AM (IST)
बागनाथ मंदिर में बिजोरा बनकर तैयार, 400 साल बाद बदला
बागनाथ मंदिर में बिजोरा बनकर तैयार, 400 साल बाद बदला

जासं, बागेश्वर: बागनाथ मंदिर का नया छच्जा (बिजोरा) बनकर तैयार हो गया है। अब बागनाथ मंदिर नए रूप-रंग में दिखेगा। यह छज्जा 400 साल बाद बदला गया है। इसके लिए पुरातत्व विभाग से अनुमति ली गई और पुराना बिजोरा सुरक्षित रखा गया है। बागनाथ मंदिर के जीर्णोद्वार का काम तेज से हो रहा है। शनिवार को मंदिर में नया छज्जा (बिजोरा) लगाया गया। चार सौ साल में पहली बार मंदिर का बिजोरा बदला गया है। हालांकि इससे पूर्व मंदिर में जीर्णोद्धार के कई छोटे-छोटे काम किए जा चुके हैं। कुमाऊं की काशी के नाम से विख्यात बागेश्वर को बाबा बागनाथ की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। सरयू-गोमती और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम पर स्थित बागनाथ मंदिर का अस्तित्व सातवीं शताब्दी में कत्यूरी राजाओं के शासनकाल से है। जिसका उल्लेख मंदिर में रखे शिलालेखों में मिलता है। वर्ष 1602 में राजा लक्ष्मीचंद ने पहली बार मंदिर का जीर्णोद्धार कर इसे भव्य रूप प्रदान किया। 2012 में मंदिर में थोड़ा जीर्णोद्धार किया गया था। निर्माण के बाद इस साल चौथी बार मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नंदन सिंह रावल ने बताया कि जौनसार भाबर से आए कारीगरों ने मंदिर का बिजोरा तैयार किया है। छच्जे को आधुनिक व भव्य रूप दिया गया है। जिससे मंदिर आकर्षक और सुंदर लगेगा। उन्होंने कहा कि इस साल कोरोना के चलते फिलहाल मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद है। जल्द ही मंदिर खुलेगा तो श्रद्धालुओं को नए रंग-रूप में दिखेगा।

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