शिक्षा के साथ भगवती को पर्यावरण से भी लगाव
गरुड़ क्षेत्र के एक स्कूल की प्रधानाध्यापिका भगवती गोस्वामी को शिक्षादान के साथ पर्यावरण संरक्षण से भी काफी लगाव है। उनके प्रयास से स्कूल परिसर पेड़-पौधों से लहलहा रहे हैं। यदि व्यक्ति अपने कर्तव्य पर अडिग हो तो वह बाधाओं से भी पार पा लेता ह
चंद्रशेखर बड़सीला, गरुड़
यदि व्यक्ति अपने कर्तव्य पर अडिग हो तो वह बाधाओं से भी पार पा लेता है। मार्च से लाकडाउन लगा, शिक्षण का कार्य छूट गया तो वह प्रकृति को हरा-भरा बनाने में जुट गई। बात हो रही है अमोली की प्रधानाध्यापिका भगवती गोस्वामी की। जिन्होंने शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण के क्षेत्र में भी एक मिशाल कायम की है। तहसील के राप्रावि अमोली की प्रधानाध्यापिका भगवती गोस्वामी दस सालों से पौधारोपण के साथ उनका संरक्षण कर रही है। उनके द्वारा चार साल पहले रोपित पौधे आज विद्यालय के चारों ओर हरियाली फैला रहे हैं। प्रधानाध्यापिका भगवती गोस्वामी कहती हैं कि पौधारोपण के बाद यदि पौधों का संरक्षण नहीं किया तो फिर यह बेकार है। वे पौधों को अपने बच्चों की तरह पालती है। पौधारोपण के साथ ही वे संरक्षण के लिए चारों ओर तार की जाली लगा देती हैं और समय-समय पर उनकी निराई-गुड़ाई करती हैं। इस साल भी उन्होंने तिमुल, माल्टा, नारंगी, मणिपुरी बांज आदि पौधों का रोपण किया है। इससे पहले जब वह राप्रावि दुदिला में थी, तब भी उन्होंने वहां नाना प्रकार के पौधे रोपे थे, जो आज प्रकृति की शोभा बढ़ा रहे हैं।
इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बच्चों की पढ़ाई छूटी तो वह किचन गार्डन में सब्जी उत्पादन में जुट गई। अब उन्हें बच्चों के भविष्य की चिता भी सताने लगी है। उनका कहना है कि अब वे अगले माह से बच्चों को घर जाकर पढ़ाएंगी। उनके इस कार्य की अभिभावकों ने सराहना की है।