पुलिस व सेना को तैयार हो रहीं 400 युवक-युवतियां

बागेश्वर जिले के कपकोट के केदारेश्वर मैदान में 400 युवक-युवतियों को पुलिस व सेना भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षणार्थियों को 25 दिनों तक कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Aug 2021 05:18 PM (IST) Updated:Wed, 11 Aug 2021 05:18 PM (IST)
पुलिस व सेना को तैयार हो रहीं 400 युवक-युवतियां
पुलिस व सेना को तैयार हो रहीं 400 युवक-युवतियां

संवाद सूत्र, कपकोट : केदारेश्वर मैदान में 400 युवक-युवतियों को पुलिस व सेना भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षणार्थियों को 25 दिनों तक कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ेगा।

बुधवार से केदारेश्वर मैदान में पुलिस सहित सेना व अन्य पैरा मिलिट्री फोर्सेज के लिए युवक-युवतियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के लिए आठ टोलियां बनाई गई है। प्रत्येक में 50 बच्चे हैं। जिले के दूर-दराज के प्रशिक्षण के लिए पहुंचे 82 युवक व 38 युवतियों के रहने खाने की व्यवस्था भी ब्लाक मुख्यालय के विभिन्न स्थानों में की गई है। सुबह-शाम को इनको दौड़, ऊंची व लंबी कूद आदि शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा सप्ताह में तीन दिन आनलाइन क्लासेस होंगी। देहरादून के विशेषज्ञ इनको पढ़ाएंगे। तीन दिन आफलाइन क्लासेस होंगे। इसके लिए स्थानीय कोचिग सेंटर के विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। हर दिन 25-25 की टोलियों में समूह चर्चा की जाएगी। प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण बंद कर दिए गए है। अब आने वालों को पांच सितंबर के बाद प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक सप्ताह का शार्ट प्रशिक्षण देने की योजना है। भविष्य के लिए संवेदनशील युवतियां

कपकोट : पुलिस व सेना भर्ती के लिए युवतियों में खासा उत्साह है। गासी की डाली व भनार की ज्योति ने बताया कि वह रोजगार कर अपने पांव पर खड़ा होना चाहती है। इसके लिए वह किसी भी कठिन परीक्षा से गुजरने को तैयार हैं। युवाओं में खासा जोश

कपकोट: युवाओं में सेना भर्ती को लेकर खासा जोश है। जिले के दूर-दूर से यहां प्रशिक्षण को युवा पहुंचे है। सूपी से पहुंचे मनोज सिंह व नवीन सिंह ने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। रोजगार के लिए वह कुछ भी करेंगे। दूरस्थ क्षेत्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। बस अवसर कम मिलते हैं। इसे देखते हुए ही यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। आगे भी इस तरह आयोजन होते रहेंगे।

- गणेश मर्तोलिया, उपाध्यक्ष, एसटी आयोग

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