प्रशासन के खिलाफ फिर धरने पर बैठे ग्रामीण

प्रशासन की ओर से तय समयावधि में हटाए गए मनरेगा कर्मी की बहाली पर ठोस कदम न उठाया तो कथित फर्जी शिकायत प्रकरण फिर गरमा गया है। वादाखिलाफी करार देते हुए दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी व समर्थक पंचायत प्रतिनिधियों ने ब्लॉक मुख्यालय पर दोबारा धरना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 04:15 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 04:15 PM (IST)
प्रशासन के खिलाफ फिर धरने पर बैठे ग्रामीण
प्रशासन के खिलाफ फिर धरने पर बैठे ग्रामीण

संस, द्वाराहाट : प्रशासन की ओर से तय समयावधि में हटाए गए मनरेगा कर्मी की बहाली पर ठोस कदम न उठाया तो कथित फर्जी शिकायत प्रकरण फिर गरमा गया है। वादाखिलाफी करार देते हुए दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी व समर्थक पंचायत प्रतिनिधियों ने ब्लॉक मुख्यालय पर दोबारा धरना शुरू कर दिया है। गुरुवार से क्रमिक अनशन का ऐलान करते हुए दो टूक कहा कि फिर भी न सुनी गई तो तालाबंदी कर 'काम रोको आंदोलन' शुरू कर दिया जाएगा।

कथित फर्जी शिकायत मामले में बीती तीन जुलाई को ब्लॉक मुख्यालय में तालाबंदी से हलकान प्रशासन ने धरने पर बैठे पूर्व विधायक मदन सिंह बिष्ट से मैराथन वार्ता की थी। दिनभर हंगामे के बाद शाम को एसडीएम आरके पांडे के हस्तक्षेप पर लिखित आश्वासन दिया गया। इसके तहत 15 दिन के भीतर मामले का समाधान कर हटाए गए मनरेगा कर्मी को बहाल किए जाने का भरोसा दिलाया गया था। मगर प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की।

बुधवार को मनरेगा कर्मी नारायण सिंह रावत व समर्थक बारिश के बीच नारेबाजी करते हुए ब्लॉक कार्यालय जा धमके। मुख्य गेट पर प्रदर्शन कर दोबारा धरना शुरू कर दिया गया। आरोप लगाया कि प्रभावशाली लोगों की शह में प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई की। अब दैनिक वेतन भोगी कर्मी को न्याय देने का आश्वासन दे आंदोलन समाप्त कराने के बाद वादे से मुकर गया है। धरने पर धरमगाव के प्रधान कमल किशोर आर्या, मानवाधिकार संघ के पूरन जोशी, देव सिंह रावत, दीपक बिष्ट, हरेंद्र सिंह राणा, राम सिंह रावत, इंद्र कुमार, नवनीत सिंह, राजेंद्र सिंह, नंदन सिंह अधिकारी, भुवन गिरि आदि बैठे।

chat bot
आपका साथी