चालकों की कमी से रोडवेज की दो सेवाएं रही ठप

उत्तराखंड परिवहन निगम के अल्मोड़ा डिपो में व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Jan 2021 10:55 PM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 10:55 PM (IST)
चालकों की कमी से रोडवेज की दो सेवाएं रही ठप
चालकों की कमी से रोडवेज की दो सेवाएं रही ठप

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : उत्तराखंड परिवहन निगम के अल्मोड़ा डिपो में व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही। मंगलवार को अल्मोड़ा-टनकपुर के साथ ही धरमघर बस सेवा ठप रही। इसके कारण इन बस सेवाओं से सफर करने वाले यात्रियों को फजीहत का सामना करना पड़ा। विभिन्न संगठनों ने इन बस सेवाओं के निर्बाध संचालन के लिए कारगर उपाय किए जाने की मांग परिवहन निगम के उच्चाधिकारियों से की है।

अल्मोड़ा-टनकपुर सेवा पिछले एक माह में मात्र दो-तीन दिन चलने के बाद मंगलवार को फिर स्थगित रही। वहीं अल्मोड़ा- धरमघर बस सेवा का संचालन भी नहीं हो सका। वर्षो पुरानी अल्मोड़ा-टनकपुर बस सेवा के ठप रहने से इस सेवा से सफर करने वाले लोगों को सुबह ठंड के मौसम में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उत्तराखंड परिवहन निगम के अल्मोड़ा डिपो से सुबह छह से आठ बजे के मध्य बारी-बारी से मैदानी व पर्वतीय रूटों पर संचालित होने वाली छह बस सेवाओं में से अल्मोड़ा-टनकपुर तथा अल्मोड़ा- धरमघर सेवा चालकों की वजह से ठप रही। ज्ञातव्य हो कि डिपो से सुबह टनकपुर, धरमघर, दिल्ली, देहरादून, अटपेसिया व हरिद्वार के लिए बस सेवाओं का संचालन वर्षो से किया जा रहा है। जिसमें से चार सेवाओं का संचालन तो हुआ, मगर अल्मोड़ा-टनकपुर व अल्मोड़ा धरमघर सेवा चालकों की कमी की वजह से ऐन मौके पर स्थगित हो गई। इससे सुबह अल्मोड़ा से टनकपुर व धरमघर जाने वाले यात्री ठंड में काफी इंतजार के बाद वैकल्पिक साधनों कुमाऊं मोटर आनर्स यूनियन लिमिटेड तथा कुछ टैक्सियों से अपने-अपने गंतव्य को रवाना हुए। इधर परिवहन निगम के अल्मोड़ा डिपो के प्रभारी स्टेशन इंचार्ज मोहन राम ने बताया कि डिपो में चालकों की कमी से निगम मुख्यालय देहरादून को अवगत कराया गया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही समस्या के समाधान की आशा है।

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डिपो में 20 चालकों की बनी है कमी

अल्मोड़ा के रोडवेज डिपो में करीब 20 चालकों की कमी बनी है। डिपो से मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों के विभिन्न रूटों पर 23 सेवाओं का संचालन किया जाता है, मगर चालकों की कमी व इसमें भी आवश्यक कार्यवश चालकों के अवकाश में जाने से सेवाओं के निर्बाध संचालन में असर पड़ रहा है। इससे जहां एक ओर यात्रियों की फजीहत हो रही है, वहीं निगम की आय पर भी असर पड़ रहा है।

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