जल स्रोतों को प्रदूषित करने वालों की अब खैर नहीं

मनीष साह रानीखेत जीवनदायिनी नदियों व प्राकृतिक जल स्रोतों को प्रदूषित करने वालों की अब खैर नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Mar 2020 05:08 PM (IST) Updated:Thu, 12 Mar 2020 06:19 AM (IST)
जल स्रोतों को प्रदूषित करने वालों की अब खैर नहीं
जल स्रोतों को प्रदूषित करने वालों की अब खैर नहीं

मनीष साह, रानीखेत

जीवनदायिनी नदियों व प्राकृतिक जल स्रोतों को प्रदूषित करने वालों की अब खैर नहीं। राजस्व आयुक्त कार्यालय ने नदियों को प्रदूषित करने तथा नुकसान पहुंचाने वालों से सख्ती से निपटने की तैयारी कर ली है। बकायदा प्रदेशभर के जिलाधिकारियों को अभियान चला ऐसा करने वालों पर शिकंजा कसने को निर्देशित भी किया गया है।

नदियों को बचाने के लिए सरकारें लाखों रुपये खर्च कर अभियान चला रही है। वहीं दूसरी ओर, कुछ असंवेदनशील लोग नदियों में धड़ल्ले से गंदगी डाल योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं। यही नहीं, प्राकृतिक जल स्रोतों का अस्तित्व भी खतरे में है। मामले को गंभीर मान अब देहरादून स्थित राजस्व कार्यालय हरकत में आ गया है। नदियों व प्राकृतिक जल स्रोतों को प्रदूषित होने से बचाने को आयुक्त कार्यालय ने कदम बढ़ा लिए हैं। प्रदेश के जिलाधिकारियों को अभियान चला नदियों व जल स्रोतों को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के के लिए राजस्व टीम के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारियों को टीम बनाने को निर्देशित कर दिया है।

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कोसी व शिप्रा हो रही बेदम

पेयजल व सिंचाई योजनाएं देने वाली नदिया बुरे दौर से गुजर रही है। कई सहायक नदियों का अस्तित्व ही समाप्त होने की कगार पर है। नदी क्षेत्र में जगह-जगह फैली गंदगी संक्रामक बीमारी को दावत दे रही है। कई स्थानों पर घरों का गंदे पानी भी पाईप के जरिये नदी में पहुंच रहा है। कुमाऊं की कोसी नदी वर्तमान में गंदगी से जूझ रही है। उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी के हालात भी ठीक नहीं हैं।

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वर्जन

'नदी व प्राकृतिक जल स्त्रोतों में गंदगी डालना गंभीर मामला है। नदियों को स्वच्छ व निर्मल बनाए जाने को सरकार तमाम अभियान चला रही है। प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को गंभीरता से नदियों व स्त्रोतों को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ कार्रवाही के निर्देश दिए जाएंगे।

-बाल मयंक मिश्रा, आयुक्त व सचिव राजस्व देहरादून'

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