बिनसर गेट पर ही वन्यजीवों की दुनिया से होंगे रू ब रू
बिनसर गेट पर ही वन्य जीवों की दुनिया से लोग परिचित होंगे।
फोटो : 14 एएलएम पी 14, पी 15 व पी 16 संस, अल्मोड़ा: कोरोना से जंग के बीच ऐतिहासिक अल्मोड़ा का सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल बिनसर नए स्वरूप में सैलानियों की आवभगत को तैयार हो गया है। यहां वन्यजीवों की अद्भुत दुनिया व फ्लोरा एंड फौना से रू ब रू कराने के लिए मुख्य गेट पर प्राकृतिक अवलोकन केंद्र अस्तित्व में आ गया है। बच्चे हों या बड़े सभी जंगलात में प्रवेश से पहले ही जैव विविधता से लबरेज बिनसर की खूबियां जान सकेंगे। साथ ही शोधार्थियों का अध्ययन केंद्र भी बनेगा। जल्द ही बर्ड वॉचिंग के लिए यहां नेचर ट्रेल का जाल भी बिछा लिया जाएगा।
वैश्विक महासंकट से जूझने के बाद पहाड़ की वादियां एक साल बाद कोरोना को हराने का जज्बा ले सैर सपाटे को तैयार है। खास बात कि जिला मुख्यालय से 23 किमी दूर बिनसर अभयारण्य को पर्यटकों के लिए नया स्वरूप दे दिया गया है। ध्यान योग के लिहाज से बेहद उर्वर बिनसर टॉप के हिमदर्शन प्वाइंट की कायाकल्प कर उसे हर मौसम के माकूल बनाया गया है। ताकि बरसात में भी सैलानी बगैर भीगे प्रकृति के सौंदर्य को निहार सके। बगैर सीमेंट व कंक्रीट का इस्तेमाल किए इको फ्रेंडली साज सज्जा मसनल रेलिंग, साइन बोर्ड हों या बैठने के लिए बैंच आदि सभी इधर उधर गिरे पड़े पेड़ों से तैयार किए गए हैं।
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पक्षियों की भी अद्भुत दुनिया
बिनसर टॉप व आसपास का वन क्षेत्र वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियों की अद्भुत रियासत तो है ही। यहां पक्षियों की विविध प्रजातियां भी सैलानियों को खूब रिझाती है। इसीलिए यहां बर्ड वॉचिंग के लिए पुराने रास्तों के इस्तेमाल के साथ ही नए प्राकृतिक रास्ते यानि नेचर ट्रेल भी तैयार किए जाएंगे।
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'बिनसर में पर्यटक गतिविधियां बढ़ने लगी हैं। रोजाना सैर सपाटे को 25 से 30 पर्यटक पहुंच रहे हैं। कोरोनाकाल में पर्यटकों की आवक कम रही। समय का सदुपयोग कर डीएफओ आरसी कांडपाल की पहल पर हमने यहां नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया है। इसमें पर्यटकों व बच्चों को वन्यजीवों व वनस्पतियों की पूरी जानकारी मिल सकेगी। जीरो प्वाइंट को हमने नए सिरे से संवार कर हिमदर्शन के लिए तैयार किया है।
- आशुतोष जोशी, वन क्षेत्राधिकारी बिनसर सेंचुरी'
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