क्षेत्रवासियों ने लिया आदोलन तेज करने का फैसला

पानी की समस्या को लेकर सप्ताह भर से क्रमिक अनशन पर डटे आंदोलनकारी मांग पूरी होने तक अब पीछे हटने को कतई तैयार नहीं हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Apr 2021 10:36 PM (IST) Updated:Sun, 25 Apr 2021 10:36 PM (IST)
क्षेत्रवासियों ने लिया आदोलन तेज करने का फैसला
क्षेत्रवासियों ने लिया आदोलन तेज करने का फैसला

संवाद सहयोगी, ताड़ीखेत (रानीखेत) : पानी की समस्या को लेकर सप्ताह भर से क्रमिक अनशन पर डटे आदोलनकारी माग पूरी होने तक अब पीछे हटने को कतई तैयार नहीं है। आदोलनकारियों ने जल्द व्यवस्था में सुधार न होने पर आदोलन तेज करने का एलान कर दिया है।

यहां ब्लॉक मुख्यालय के समीप विकास संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहा आदोलन व्यापक रूप लेता जा रहा है। सातवें दिन अनशन पर चंदन बिष्ट तथा विनोद रावत बैठे। वक्ताओं ने कहा कि संबंधित विभाग तथा शासन प्रशासन लगातार क्षेत्रवासियों की उपेक्षा पर आमादा है। क्रमिक अनशन को कई दिन बीतने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। विभागीय अधिकारी ग्रामीणों के सब्र की परीक्षा ले रहे हैं जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आंदोलनकारियों ने तय किया कि यदि जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त करने को ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आदोलन को तेज करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। आदोलनकारियों ने दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द धरातल पर कार्य नहीं हुआ तो कई और गावों के और लोग आदोलन शुरू करेंगे। इस दौरान संघर्ष समिति के अध्यक्ष गोपाल अधिकारी, प्रधान मंजीत भगत, खष्टी रौतेला, विनीता फत्र्याल, भुवन जोशी, विजय भगत, नंदकिशोर पांडे, दीपक जोशी, चंदन नेगी, बसंत उपाध्याय, दीपक जोशी, संजय पाडे, मनोज रावत आदि मौजूद रहे।

इधर उत्तराखंड परिवहन निगम की अल्मोड़ा डिपो से चार सेवाओं का संचालन रविवार को ठप रहा। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वह काफी इंतजार के बाद वैकल्पिक साधनों से गंतव्य को रवाना हुए। रविवार को सुबह की सेवाओं में अल्मोड़ा-बागेश्वर-धरमघर, अल्मोड़ा-टनकपुर, धरमघर-दिल्ली तथा अपरान्ह की अल्मोड़ा-लमगड़ा-दिल्ली सेवा ठप रही। वहीं साप्ताहिक कोरोना क‌र्फ्यू के कारण निजी टैक्सियां भी नहीं चलीं। ऐसे में लोग काफी इंतजार के बाद केमू की बसों में रवाना हुए। इधर रोडवेज के वरिष्ठ स्टेशन इंचार्ज कैलाश चंद्र जोशी ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में यात्री नहीं मिलने के कारण डिपो से चार सेवाओं का संचालन ठप रहा। वहीं अन्य मार्गो पर 50 प्रतिशत यात्री क्षमता के मानकों के तहत बसों का संचालन किया गया।

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