गैस संकट गहराया, लकड़ी चूल्हा फिर भाया

पहाड़ में प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना की आंच फीकी पड़ गई है। तमाम सरकारी दावों के उलट अंतिम ग्रामीण तक योजना का लाभ न पहुंचने का ही नतीजा है कि दूर गांवों में लकड़ी चूल्हे फूंकना मजबूरी बन गया है। उस पर महंगाई ने भी गैस चूल्हों की आग बुझा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 04:41 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 07:07 PM (IST)
गैस संकट गहराया, लकड़ी चूल्हा फिर भाया
गैस संकट गहराया, लकड़ी चूल्हा फिर भाया

संस, रानीखेत/द्वाराहाट : पहाड़ में प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना की आंच फीकी पड़ गई है। तमाम सरकारी दावों के उलट अंतिम ग्रामीण तक योजना का लाभ न पहुंचने का ही नतीजा है कि दूर गांवों में लकड़ी चूल्हे फूंकना मजबूरी बन गया है। उस पर महंगाई ने भी गैस चूल्हों की आग बुझा दी है। रही सही कसर गैस वितरण व्यवस्था ने पूरी कर दी है। जरूरत के अनुरूप सिलिंडर न पहुंचने से ग्रामीण बेहाल हैं। सर्दी में भोजन तैयार करने के लिए उन्हें जलौनी लकडि़यों का सहारा लेना पड़ रहा है। वहीं विभागीय अधिकारी कहते हैं कि हल्द्वानी स्थित प्लांट से ही सिलिंडरों की आपूर्ति कम हो रही है।

विकासखंड की बांसुलीसेरा घाटी में महंगी गैस से बेजार लोगों को अब रसोई गैस की किल्लत मुंह चिढ़ाने लगी है। ग्रामीणों के अनुसार गैस वाहन तो पहुंचता है मगर जरूरत के अनुरूप सिलिंडर न उतारने से उन्हें लकड़ी के चूल्हों से काम चलाना पड़ रहा है। युवा व्यवसायी मनोहर सिंह नगरकोटी कहते हैं कि बांसुलीसेरा गैस वितरण केंद्र बनाया गया है। इस सेंटर पर क्षेत्र के पिलशाल, हाट, चींण, पारगौं, ढूंगी, तल्ला व मल्ला बाखली, जैराड़ी, रिखाड़, तलबाड़, डोटल आदि गांव व तोकों की करीब डेढ़ हजार की आबादी निर्भर है। युवा व्यवसायी मनोहर सिंह ने प्रशासन व विभाग से क्षेत्र में गैस वितरण व्यवस्था दुरुस्त किए जाने पर जोर दिया है। इधर रानीखेत गैस एजेंसी प्रबंधक सुरेंद्र सिंह जलाल ने बताया कि बांसुलीसेरा के लिए द्वाराहाट से गैस आपूर्ति की जाती है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना जब शुरू हुई तो उम्मीद जगी थी कि पहाड़ की महिलाओं लकड़ी के चूल्हे फूंकने व धूएं से निजात मिलेगी। लेकिन योजना का लाभ पूरा नहीं मिल रहा है। पहले रसोई गैस ही गरीबों की पहुंच से दूर हो गई अब जरूरत के अनुरूप सिलिंडर न पहुंचने से खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

- मनोहर सिंह नगरकोटी, व्यवसायी बांसुलीसेरा

हल्द्वानी स्थित प्लाट से ही रसोई गैस कम आ रही है। बीते अक्टूबर में आपदा के दौरान सड़कें क्षतिग्रस्त होने व जगह-जगह गड्ढे होने से भी सीमित मात्रा में सिलिंडर पहुंच रहे हैं। उसी आधार पर वितरण किया जा रहा है। मोटाहल्दू स्थित गैस प्लाट में संपर्क किया जा रहा है। व्यवस्था शीघ्र दुरुस्त कर ली जाएगी।

- आलोक गंगोला, पूर्ति निरीक्षक द्वाराहाट

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