वादाखिलाफी पर रिश्कन घाटी में असंतोष की चिंगारी

संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : शिक्षा, पानी व सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे रिश्कन घाटी के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Oct 2018 05:31 PM (IST) Updated:Thu, 04 Oct 2018 05:31 PM (IST)
वादाखिलाफी पर रिश्कन घाटी में असंतोष की चिंगारी
वादाखिलाफी पर रिश्कन घाटी में असंतोष की चिंगारी

संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : शिक्षा, पानी व सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे रिश्कन घाटी के बाशिंदे तंत्र की वादाखिलाफी के खिलाफ फिर गोलबंद होने लगे हैं। जनाक्रोश इसलिए भी भड़क उठा है कि समझौते के अनुरूप तीन माह में समस्याओं का समाधान होना तो दूर, विभागीय अधिकारी प्रगति रिपोर्ट तक नहीं दे सके हैं। ऐसे में घाटी वालों ने पुन: आदोलन की चेतावनी दी है।

रिश्कन घाटी के 22 ग्राम पंचायतों की करीब 10 हजार की आबादी मूलभूत समस्याओं से त्रस्त है। समाधान के लिए आदोलन भी हो चुके हैं। लेकिन तंत्र केवल समझौतों तक ही सीमित रहा। विभागों की हीलाहवाली के चलते अभी तक खलना व सुवाली पेयजल योजनाओं का पुनर्गठन आज नही हो सका। जिस कारण क्षेत्र पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। लंबे समय से स्वीकृत बयेला- नाड़ मोटरमार्ग का काम शुरू न हो सका और कोटिला-गवाड़- सुरईखेत, तथा काडे- सुरईखेत मोटरमार्ग आधे अधूरे पड़े हैं। क्षेत्र के विद्यालयों में कंप्यूटर होने के बावजूद इस विषय की पढ़ाई अभी तक ठप पड़ी है। विभाडेश्वर बैराज के ऊपरी क्षेत्र में बैराज बनाने का कार्य शुरू भी नही हो पाया है। इसी सिलसिले में प्रशासन को ज्ञापन देकर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

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हवा- हवाई साबित हुआ आश्वासन

ग्रामीणों की शिकायत पर तीन माह पूर्व एसडीएम रजा अब्बास ने संघर्ष समिति व विभागीय अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली थी। इसमें अधिकारियों ने शीघ्र प्रगति रिपोर्ट देने का आश्वाशन दिया मगर अब तक नतीजा सिफर है।

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राज्य स्थापना दिवस का करेंगे बहिष्कार

रिश्कन घाटी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने जनसमस्याओं के निदान में ढिलाई बरतने पर राज्य स्थापना दिवस के बहिष्कार की भी चेतावनी दी है। इस मौके पर समिति अध्यक्ष हरवंश बिष्ट, उपाध्यक्ष जीवन सिंह, सचिव रमेश पुजारी, महामंत्री नवीन काडपाल, कोषाध्यक्ष शेर सिंह, जगदीश बुधानी, विपिन पंत, कुंदन जलाल, कौस्तुभ कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

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