पुरानी पेंशन बहाली को अल्मोड़ा जिले के शिक्षक मुखर

अल्मोड़ा जिले के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक पेंशन के लिए मुखर होने लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 03:05 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 03:05 PM (IST)
पुरानी पेंशन बहाली को अल्मोड़ा जिले के शिक्षक मुखर
पुरानी पेंशन बहाली को अल्मोड़ा जिले के शिक्षक मुखर

संस, अल्मोड़ा : अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक पेंशन के लिए मुखर होने लगे हैं। दरअसल, राज्य सरकार अक्टूबर 2005 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने को अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण अधिनियम-2021 बनाने जा रही है। ऐसे में निर्धारित अवधि से पूर्व से तैनात शिक्षकों को पेंशन लाभ दिए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। शिक्षक नेताओं ने राज्य में विधानसभावार विधायकों के जरिये दबाव की रणनीति बनाई है।

अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के साथ ही राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से मिल उन्हें पत्र दिया है। गुरुजनों ने तर्क दिया है कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने को अधिनियम बनाने जा रही है। इसके निस्तारण को कैबिनेट की उपकमेटी गठित कर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल व बंशीधर भगत को सदस्य बनाया गया है। शिक्षकों ने मांग उठाई है कि वर्ष 2005 से पूर्व नियुक्त व 2003 से राजकोष से मानदेय ले रहे गुरुजनों को एक्ट के तहत पेंशन का लाभ दिलाया जाए। अधिनियम के मुताबिक 2015 में उन्हें विनियमित किया जा चुका है। वर्तमान में कई शिक्षक ऐसे हैं, जो उत्तराखंड गठन से पूर्व से शिक्षण कार्य करते आ रहे हैं। 150 शिक्षक बगैर पुरानी पेंशन के हैं। इनमें अधिसंख्य सेवानिवृत्त होने को हैं। शिक्षकों ने सत्तापक्ष के नेताओं को ज्ञापन देकर विचाराधीन एक्ट के तहत शिक्षकों को पुरानी पेंशन से जोड़ने का आग्रह किया है। ज्ञापन देने वालों में शिक्षक नेता प्रकाश चंद्र खोलिया, जमन सिंह सिजवाली, राजेश आर्या के साथ ही माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला व प्रांतीय पदाधिकारी शामिल हैं।

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