अल्मोड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में टैंकर बुझा रहे प्यास
अल्मोड़ा नगर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या थमने का नाम नहीं ले रही है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : नगर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या थमने का नाम नहीं ले रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क मार्ग से जुड़े ग्रामीण जल संस्थान के टैंकरों से प्यास बुझा रहे हैं। वहीं, सड़क से दूर रहने वाले ग्रामीणों का अधिकांश समय नौलों व धारों से पानी ढोने में गुजर रहा है। ऐसे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय के आसपास के सैनार, वडयूड़ा, तलाड़, सल्ला, डीनापानी सन्यूड़ा, पेटशाल, लमगड़ा, कसारदेवी, रौलामेर गांव, ढटवाल गांव, बल्टा, मकड़ाऊं, चायखान, सिराड़, चितई, हवालबाग, बल्ढौटी, बेस अस्पताल आदि क्षेत्रों में विगत एक पखवाड़े से पेयजल समस्या बनी है। यहां जल संस्थान के विभागीय व किराये में लिए गए टैंकरों से पेयजल की आपूíत की जा रही है। इधर, जल संस्थान की अवर अभियंता तनुजा मेहता ने बताया कि विभाग की ओर से सोमवार को भी कसारदेवी, भागादेवली, चामी, अड़चाली, गैंगहट, झालडुंगरा व शैल बैंड समेत अनेक स्थानों पर पेयजल वितरित किया। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता केएस खाती के अनुसार पेयजल संकट वाले ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए विभाग सजग है। वहां हर रोज टैंकरों से पेयजल वितरित किया जा रहा है।
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जरूरत 16 की, मिल रहा 8.5 एमएलडी पानी
नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की 1.10 लाख की आबादी को पेयजल मुहैया कराने के लिए प्रतिदिन 16 एमएलडी (मिलियन लीटर पर डे) पानी की जरूरत होती है। लेकिन पेयजल स्त्रोतों में पानी घटने से मात्र 8.5 एमएलडी पानी की ही आपूíत हो पा रही है। इससे लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।