बीएससी की सीटें बढ़ाने को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन
बीएससी प्रथम सेमेस्टर में सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रम शुरु करने का विरोध जारी है।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: बीएससी प्रथम सेमेस्टर में सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रम शुरु करने का विरोध जारी है। छात्र-छात्राओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह जब तक यह व्यवस्था बंद नही होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में छात्र-छात्राओं ने शिक्षा के व्यवसायीकरण के खिलाफ जमकर रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बीएससी में सेल्फ फाइनेंस की व्यवस्था कुलपति के आदेशों के बाद जब बंद कर दी गई थी तो इसको क्यों शुरु किया जा रहा है। जो पाठ्यक्रम नियमित मोड में परिसर में पूर्व से संचालित हो रहे हैं। उन्ही पाठ्यक्रमों को साथ-साथ स्ववित्त पोषित मोड में चलाया जाना शासनादेशों के भी अनुरुप नहीं है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के गरीब विद्याíथयों को सस्ती व अच्छी शिक्षा प्रदान कराने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय खोले गए हैं। सेल्फ फाइनेंस के नाम पर छात्रों से लूट हो रही है। इसको बंद कर सरकार ने नियमित पाठ्यक्रम में सीटें बढ़ानी चाहिए। वर्ष 2020 में नियमित पाठ्यक्रम में बीएससी के पीसीएम वर्ग में 156 व जेडबीसी में 237 प्रवेश किए गए थे। इस वर्ष यह घटाकर पीसीएम में 100 और जेडबीसी में 132 छात्र-छात्राओं को नियमित पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया गया है। यह सोची समझा षडयंत्र है। बीते वर्ष इस पूरे घोटाले की जांच की मांग की थी। अभी तक जांच रिपोर्ट नही आई।
छात्रों ने कहा कि परिसर में बीएससी सेल्फ फाइनेंस की पूर्व की लगभग 60 लाख रुपये की धनराशि अवशेष है। जिसे आवश्यकतानुसार छात्र हित में लगा कर नियमित पाठ्यक्रम में सीटें बढ़ाई जानी चाहिए। इस संबंध में छात्रों ने कुलसचिव को ज्ञापन भी दिया। इस अवसर पर पूर्व छात्रसंघ महासचिव आशीष पंत, पूर्व उपाध्यक्ष सोहित भट्ट, पूर्व महासचिव नवीन कनवाल, राहुल जोशी, पूर्व कोषाध्यक्ष अभिषेक बनौला, पंकज कनवाल, दिव्या जोशी, सौरभ पांडे, नितिन रावत, विशाल शाह, अमित बिष्ट आदि मौजूद थे।