कोरोना कर्फ्यू के दौरान अल्मोड़ा में दुकानों के शटर डाउन
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड कर्फ्यू का अल्मोड़ा जिलेभ्में व्यापक असर रहा।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड कर्फ्यू का जिलेभर में व्यापक असर रहा। दवा की दुकानों सहित अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़ सभी दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। नगर व आसपास के क्षेत्रों में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। एंबुलेंस समेत अति आवश्यक सेवा से जुड़े वाहनों को ही छूट दी गई।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के रफ्तार को देखते मंगलवार से लगक साप्ताहिक कोविड कर्फ्यू का पहले दिन व्यापक असर रहा। हालांकि सुबह सात से 10 बजे तक सब्जी, दूध की दुकानों को इससे मुक्त रखा गया था। 10 बजने के बाद पुलिस के गश्ती दल ने बाजार व मोहल्लों की दुकानों का निरीक्षण किया। जो दुकानें खुली थी, उन्हें सख्त हिदायत दे बंद करा दिया गया। कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। कोविड कर्फ्यू के कारण लोग दिनभर अपने घरों में ही कैद रहे। उन्होंने दूरदर्शन में समाचारों के साथ ही अन्य मनोरंजन पूर्ण कार्यक्रम देख समय बिताया।
इसके अलावा जिले के मजखाली, कठपुड़िया, कोसी, द्वाराहाट, जालली, सोमेश्वर, ताकुला, लमगड़ा, जैंती, शहरफाटक, पनुवानौला, जागेश्वरधाम, चितई, दन्यां, गुरड़ाबांज, बाड़ेछीना, तोली, मनीआगर, आरतोला, धौलछीना, जलना, मोतियापाथर आदि स्थानों के बाजारों में भी दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं टैक्सी का संचालन नहीं होने तथा केमू की हड़ताल के चलते ग्रामीण क्षेत्रों को जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं रोडवेज ने भी विभिन्न मार्गो में यात्री नहीं मिलने से अनेक सेवाएं स्थगित कर दी। आरेश्वर में न हो कोविड के मृतकों का अंतिम संस्कार
संस, दन्यां: सरयू घाटी क्षेत्र के दर्जनों गांवों के जन प्रतिनिधियों ने कोविड-19 के मृतकों का अंतिम संस्कार आरेश्वर स्थित श्मशान घाट में न करने की मांग की है। क्षेत्र के ग्राम प्रधानों ने इस बाबत जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजा है।
तहसील भनोली में नायब तहसीलदार पीएस सलाल के माध्यम से भेजे ज्ञापन में ऐसे शवों का अंतिम संस्कार सुरक्षित स्थानों के श्मशान घाटों पर ही करने की मांग प्रशासन से की गई है। बताया गया है कि आरेश्वर स्थित श्मशान घाट के समीप सरयू दन्यां-बेलक लिफ्ट पेयजल योजना का इंटेक टैंक बना है। इससे विकासखंड धौलादेवी के तीन दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में पेयजल आपूर्ति होती है। यहां कोविड से जान गंवाने वाले शवों का दाह संस्कार करने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।