हरेला पर पौधारोपण की परंपरा सहेजकर रखें

एसएसजे विवि में लोकपर्व एवं पर्यावरण संरक्षण विषयक संगोष्ठी में वैश्विक तापवृद्धि व मौसम परिवर्तन से पर्यावरण को क्षति पर चिंता जताई गई। बुद्धिजीवियों व शिक्षाविदों के साथ ही राजनीतिज्ञों ने हिमालय की सुरक्षा को वनों के संरक्षण के लिए आगे आने का आह्वान किया। हरेला को राजकीय पर्व घोषित किए जाने पर भी जोर दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 05:47 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 05:47 PM (IST)
हरेला पर पौधारोपण की परंपरा सहेजकर रखें
हरेला पर पौधारोपण की परंपरा सहेजकर रखें

संस, अल्मोड़ा : एसएसजे विवि में 'लोकपर्व एवं पर्यावरण संरक्षण' विषयक संगोष्ठी में वैश्विक तापवृद्धि व मौसम परिवर्तन से पर्यावरण को क्षति पर चिंता जताई गई। बुद्धिजीवियों व शिक्षाविदों के साथ ही राजनीतिज्ञों ने हिमालय की सुरक्षा को वनों के संरक्षण के लिए आगे आने का आह्वान किया। हरेला को राजकीय पर्व घोषित किए जाने पर भी जोर दिया गया।

विश्वविद्यालय के गणित विभाग सभागार में मुख्य अतिथि कैबिनेट व प्रभारी जिला मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि पर्यावरण में आ रहे बदलाव चिंतनीय है। इसके संरक्षण को गहन अध्ययन की जरूरत है। हरेला पर्व पर पौधे लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। युवा पीढ़ी इसे संजो कर रखे। विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि पूरे देश को हिमालयी राच्य शुद्ध पानी व प्राणवायु देता आ रहा है। यहां की प्रकृति में ही मानव सभ्यता विकसित हुई है। इसे संजोए रखना सभी का दायित्व है। चौहान ने विवि में स्थापित हरेला पीठ व स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र के लिए भी 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की। कुलपति प्रो. एनएस भंडारी ने हरेला पर्व को उत्तराखंडी संस्कृति का अहम अंग बताया।

पौधा लगाएं सुरक्षा भी करें

मुख्य वक्ता प्रो. डीएस पोखरिया ने हरेला पर्व को राजकीय त्योहार घोषित किए जाने की वकालत की। वरिष्ठ संस्कृति कर्मी त्रिभुवनगिरि जी महाराज ने कहा कि हरेला पर्व की अवधारणा तभी साकार होगी, जब हरेक पौधा लगाए और उसे आजीवन सुरक्षा दे। संयोजक डा. नवीन भट्ट ने पर्यावरण संरक्षण में विवि एवं कुलपति के प्रयासों को सराहनीय बताया। परिसर निदेशक प्रो. नीरज तिवारी ने भी विचार रखे।

कविता पाठ व योगासन भी हुए

संजय बिनवाल, कविता अधिकारी,आँचल राज, समीक्षा उप्रेती, मीनाक्षी पाडे ने कविता पाठ किया। संगीता रौतेला,भावना अधिकारी, ललिता तोमक्याल, संजना बिनवाल, गीताशी, हिमाशु, मनीष,अजय ने योगासन किए। 24 यूके छात्रा बटालियन एनसीसी की कैडेट्स ने नुक्कड़ नाटकों के जरिये पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कुलपति ने हरेला महोत्सव संयोजक प्रो. जगत सिंह बिष्ट को सम्मानित किया।

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