सफाई कर्मचारी सड़क पर उतरे, जुलूस
सफाई कार्य से ठेका प्रथा समाप्त करने समेत अन्य मांगों को लेकर नगर पालिका के सफाई कर्मचारी मंगलवार को सड़क पर उतर आए। आक्रोशित कर्मचारियों ने बारिश के बीच जुलूस निकाला। साथ ही प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि समस्याओं के निराकरण की दिशा में जल्द सकारात्मक प्रयास नहीं किए गए तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : सफाई कार्य से ठेका प्रथा समाप्त करने समेत अन्य मांगों को लेकर नगर पालिका के सफाई कर्मचारी मंगलवार को सड़क पर उतर आए। आक्रोशित कर्मचारियों ने बारिश के बीच जुलूस निकाला। साथ ही प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि समस्याओं के निराकरण की दिशा में जल्द सकारात्मक प्रयास नहीं किए गए तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। दूसरे दिन भी हड़ताल से नगर के विभिन्न स्थानों पर कूड़े के ढेर लगे रहे।
इससे पूर्व नगर पालिका परिसर में हुई सभा में देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव राजपाल पवार ने कहा कि संघ ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, सफाई कर्मियों का जीवन व स्वास्थ्य बीमा कराने, राज्य कर्मचारियों की भांति भत्ते देने, पर्यावरण मित्र पद नाम को संशोधित करते हुए सफाई सैनिक पदनाम दिए जाने समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 15 मार्च से 2 मई तक चरणबद्ध आंदोलन किया किया। सकारात्मक आश्वासन के बाद संघ ने आंदोलन स्थगित कर दिया था। इधर दो माह बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं होने से संघ को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है। उनका कहना था कि पिछले 16 माह से कोरोना संकटकाल में सफाई कर्मचारी घर-परिवार की चिता किए बगैर पूरे मनोयोग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं, इसके बाद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। इससे सफाई कर्मचारियों में लगातार रोष बढ़ता जा रहा है।
जुलूस में दीपक चंदेल, राजेंद्र कुमार, सतीश कुमार, राजेश टांक, दीपक सैलानी, यशपाल, अनिल कुमार, भूपेंद्र कुमार, कमल कुमार, दीपचंद, संजय कुमार, राजेश प्रधान, जगदीश कुमार, हिमांशु पवार आदि मौजूद रहे।