मरीजों ने लिया सरकारी अस्पतालों का सहारा

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : केंद्र सरकार के क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में दूसरे दिन भी जिले

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 06:06 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 06:06 PM (IST)
मरीजों ने लिया सरकारी अस्पतालों का सहारा
मरीजों ने लिया सरकारी अस्पतालों का सहारा

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : केंद्र सरकार के क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में दूसरे दिन भी जिले के सभी निजी क्लीनिक और अस्पताल बंद रहे। जिस कारण दूरदराज से आए रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई रोगी मजबूरी में बैरंग वापस लौट गए तो कई ने सरकारी अस्पतालों में इलाज कराया।

क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के कड़े प्रावधानों की मांग को लेकर जिले भर के निजी क्लीनिक और अस्पताल शुक्रवार को हड़ताल पर थे। जिस कारण शुक्रवार को किसी भी क्लीनिक या अस्पताल में न तो ओपीडी चली और न ही मरीजों को भर्ती किया गया, लेकिन शुक्रवार की देर शाम आइएमए के निर्देश पर स्थानीय शाखा ने स्वेच्छा से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया। जिस कारण दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को इसकी जानकारी नहीं मिल पाई और वह शनिवार को उपचार के लिए इन चिकित्सालयों में आ पहुंचे। लेकिन शनिवार को जब उन्हें अनिश्चित कालीन हड़ताल के बारे में जानकारी मिली तो मरीजों के तीमारदारों ने अपना सिर पकड़ लिया। इधर शनिवार को आइएमए के जिला शाखा में आयोजित बैठक में संगठन के सदस्यों ने कहा कि जब तक उनकी जायज मांग पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। बैठक में शाखा अध्यक्ष डॉ. ललित पंत, सचिव डॉ. एनएस चौहान, डॉ. जेसी दुर्गापाल, डॉ. सुरेश पांडे, डॉ. नवीन मिश्रा, डॉ. एएस गुसांई, डॉ. विनीता जोशी, डॉ. नलिन पांडे, डॉ. मुकेश जोशी समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

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पहले से उपचार करा रहे रोगियों की फजीहत

निजी चिकित्सालयों की हड़ताल का सबसे अधिक असर उन रोगियों पर पड़ा जो पहले से इन चिकित्सालयों से अपना उपचार करा रहे थे। भनोली निवासी राम सिंह ने बताया कि उनकी पत्‍‌नी का नगर के एक निजी चिकित्सालय में उपचार चल रहा था और शनिवार को उसका स्वास्थ्य परीक्षण होना था। हड़ताल के कारण उन्हें चिकित्सक नहीं मिल पाए और उन्हें अब बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है।

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जिला अस्पताल में लगी रही भीड़

निजी चिकित्सालयों की हड़ताल के कारण सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बढ़ गई। जबकि विशेषज्ञ चिकित्सकों और लैब में भी रोगियों की खासी संख्या में भीड़ दिखाई दी। भीड़ के कारण दूरदराज से आए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऊपर से बाजार बंद होने के कारण तीमारदारों को खाने पीने के भी लाले पड़े रहे।

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हमारी मांगों पर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। इसलिए हमारी स्वेच्छा से चल रही हड़ताल जारी रहेगी। जनहित में सरकार को इस मामले में तत्परता दिखानी चाहिए। जब तक लिखित में कोई समझौता नहीं किया जाएगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

-डॉ. ललित पंत, अध्यक्ष आइएमए, जिला शाखा, अल्मोड़ा

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