निवर्तमान उपाध्यक्ष गोविद गोपाल जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति में बढ़ती राजनीति से आहत

निवर्तमान उपाध्यक्ष गोविद गोपाल अल्मोड़ा स्थित विख्यात जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति में बढ़ती राजनीति से आहत हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 06:41 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 06:41 PM (IST)
निवर्तमान उपाध्यक्ष गोविद गोपाल जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति में बढ़ती राजनीति से आहत
निवर्तमान उपाध्यक्ष गोविद गोपाल जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति में बढ़ती राजनीति से आहत

जासं, अल्मोड़ा : निवर्तमान उपाध्यक्ष गोविद गोपाल जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति में बढ़ती राजनीति से आहत हैं। उन्होंने समिति का सीएजी से ऑडिट कराने और इसे सूचना अधिकार अधिनियम के दायरे में रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने जिस अवधारणा को लेकर जागेश्वर मंदिर ट्रस्ट निर्माण कराया था, वो पूरी तरह साकार नहीं हो रहा है।

गोविद गोपाल ने उपाध्यक्ष पद से अवमुक्त होने पर क्षेत्र की समस्त जनता और श्रद्धालुओं का आभार जताया। कहा कि उन्होंने करीब तीन साल के कार्यकाल में महसूस किया कि प्रबंधन समिति में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का अभाव है। कहा कि हाईकोर्ट ने कमेटी का सालाना सीएजी ऑडिट कराने के आदेश दिए थे। लेकिन सात साल बीतने के बाद भी सीएजी ऑडिट नहीं हो पाया, जोकि बड़ी विडंबना है। उन्होंने कहा कि जागेश्वर में जनता की ओर से ही दान के रूप में चढ़ावा चढ़ाया जाता है। उस चढ़ावे का पूरा हिसाब किताब सार्वजनिक होना चाहिए। मंदिर प्रबंधन समिति को हर हाल में आरटीआइ के दायरे में लाना होगा, अन्यथा पारदर्शिता को लेकर जनता सवाल उठाती रहेगी। बताया कि उन्होंने कई मौके पर इस कमेटी में राजनैतिक दबाव देखा। मंदिर के धाíमक कार्यक्रमों के मंचों पर भी स्थानीय राजनेताओं के कब्जे देखे। आरोप लगाया कि कार्यकाल के दौरान कई बार उन्हें भ्रष्ट नेताओं ने परेशान किया। इसके अलावा प्रबंधक हो या उपाध्यक्ष पद दोनों जगह ही चयन प्रक्रिया में बड़ा राजनीतिक दखल हर बार हो रहा है। चयन प्रक्रिया राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र और इसकी व्यवस्थाओं पर राजनीति ना हो। जनता के हितों को देखते हुए बायलॉज में संशोधन करने की मांग उठाई। उन्होंने प्रबंधक और उपाध्यक्ष पद पर चयन प्रकिया भी हाईकोर्ट की सीधी देखरेख में संपन्न कराने की मांग उठाई।

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