एफडीआर का भुगतान मय छह फीसद ब्याज अदा करने का आदेश

जिला उपभोक्ता विवादप्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) की लमगड़ा शाखा को खाताधारक को एफडीआर की परिपक्वता राशि 117163 रुपये मय छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज अदा करने के आदेश दिए हैं। साथ ही शिकायकर्ता को पांच-पांच हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व वाद व्यय भी देने को कहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 03:45 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 03:45 PM (IST)
एफडीआर का भुगतान मय छह फीसद ब्याज अदा करने का आदेश
एफडीआर का भुगतान मय छह फीसद ब्याज अदा करने का आदेश

संस, अल्मोड़ा : जिला उपभोक्ता विवादप्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) की लमगड़ा शाखा को खाताधारक को एफडीआर की परिपक्वता राशि 1,17,163 रुपये मय छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज अदा करने के आदेश दिए हैं। साथ ही शिकायकर्ता को पांच-पांच हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व वाद व्यय भी देने को कहा है। वहीं अदालत ने बैंक खाते में रखे गए एक लाख रुपये शिकायकर्ता को उपलब्ध न कराने को सेवा में कमी भी माना।

सिलखोड़ा गांव निवासी भगवत सिंह बोरा पुत्र केशर सिंह बोरा के अधिवक्ता जमन सिंह बिष्ट के अनुसार शिकायकर्ता ने डीसीबी की लमगड़ा शाखा में अपनी पुत्री जानकी देवी के नाम से एक मार्च 2016 को एक लाख रुपये की एफडीआर खोली थी। 23 अगस्त 2016 को उसके खाते से बैंक ने एक लाख रुपये निकाले। भगवत पासबुक में प्रविष्टि कराने पहुंचा तो मामला खुला। तब शाखा प्रबंधक ने जांच की बात कही। यह भी पता लगा कि रुपये फर्जी चेक से निकाले गए। इस पर लिखित शिकायत की गई। एफडीआर का लेखाजोखा ही नहीं

एफडीआर एक मार्च 2018 को परिपक्व हो चुकी थी। शिकायकर्ता बैंक शाखा गया तो उसे धनराशि नहीं मिली। शाखा प्रबंधक ने एफडीआर का बैंक के अभिलेखों में कोई लेखाजोखा न होने का हवाला दिया। फिर शिकायकर्ता की पुत्री जानकी ने शाखा में शिकायत की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। कंप्यूटराइज्ड एंट्री में पकड़ा गया मामला

भगवत के अधिवक्ता जमन सिंह बिष्ट ने अदालत को यह भी बताया कि जब शिकायतकर्ता बैंक शाखा में अपनी पासबुक में प्रविष्टि कराने जाता था तो 29 अगस्त 2016 से 15 फरवरी 2018 तक हाथ से ही एंट्री की गई। इसमें खाते से एक लाख रुपये निकाले जाने की प्रविष्टि अंकित नहीं की गई। दोबारा प्रविष्टियां कराने पर पासबुक में हस्तलिखित एंट्री के ऊपर 23 अगस्त 2016 से पुन: कंप्यूटराइज्ड प्रविष्टियां कर दी गई। इसमें धनराशि आहरित किए जाने की प्रविष्टि की गई है। पासबुक में एंट्री बैंक शाखा के कर्मी ने की हैं इसलिए प्रविष्टियों को अस्वीकार किया जाना न्याहित में नहीं होगा। ये दिया आदेश

तथ्यों के परीक्षण व सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिपोष आयोग अध्यक्ष मलिक मजहर ने आदेश दिया कि शिकायकर्ता को एफडीआर की परिपक्वता राशि 117163 रुपये, परिपक्वता तिथि एक मार्च 2018 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज एक माह में भुगतान किया जाय। शिकायकर्ता को पांच-पांच हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व वाद व्यय पाने का अधिकार भी दिया।

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