अल्मोड़ा को गैरसैंण कमिश्नरी में शामिल करने का विरोध, पुतला फूंका

आम आदमी पार्टी युवा मोर्चा ने ऐतिहासिक अल्मोड़ा जिले को गैरसैंण कमिश्नरी में शामिल करने पर आपत्ति जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Mar 2021 11:07 PM (IST) Updated:Mon, 08 Mar 2021 11:07 PM (IST)
अल्मोड़ा को गैरसैंण कमिश्नरी में शामिल करने का विरोध, पुतला फूंका
अल्मोड़ा को गैरसैंण कमिश्नरी में शामिल करने का विरोध, पुतला फूंका

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : आम आदमी पार्टी युवा मोर्चा ने ऐतिहासिक अल्मोड़ा जिले को गैरसैंण कमिश्नरी में शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई है। इसके विरोध में कार्यकर्ताओं ने चौघानपाटा में मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। साथ ही प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि युवा मोर्चा जनभावनाओं की अनदेखी कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।

सोमवार को पार्टी के युवा मोर्चा कार्यकर्ता स्थानीय गांधी पार्क में एकत्रित हुए। उन्होंने नारेबाजी के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का पुतला फूंका। इस दौरान मोर्चा के युवा नेता मोहित भट्ट ने कहा कि सरकार स्थायी राजधानी के मुद्दे को भटकाकर जनता के साथ छलावा कर रही है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में अल्मोड़ा को शामिल करने से सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के अस्तित्व को खतरा उत्पन्न हो गया है। आगे कहा कि, अल्मोड़ा कई दशकों से कुमाऊं का अभिन्न अंग रहा है, इसको कुमाऊं से अलग कर सरकार ने यहां के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। युवा मोर्चा ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि यदि अल्मोड़ा को गैरसैंण कमिश्नरी से अलग नहीं किया गया तो युवा मोर्चा आंदोलन तेज करेगा।

पुतला दहन कार्यक्रम में दानिश कुरैशी, पंकज कुमार, दिनेश कुमार, सौरभ पांडे, अफसान खान, पारस पवार, बादल बवाल, दर्शन जोशी, हिमांशु कुमार, आशीष रावत, कासिम खान, आदित्य, दीपांशु आदि मौजूद रहे।

------- नवसृजित मंडल का नाम पर्वतीय कमिश्नरी रखा जाए

संस, गरुड़ : गैरसैण में बजट सत्र के दौरान पमुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा तीसरी कमिश्नरी की घोषणा पर गरुड़ के अधिवक्ताओं ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापन भेजा है। साथ ही तीसरी कमिश्नरी को पर्वतीय आयुक्त के नाम पर रखने की मांग की है।

तहसीलदार तितिक्षा जोशी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे धन्यवाद ज्ञापन में अधिवक्ता रमेश सनवाल व जेसी आर्या ने कहा है कि बागेश्वर, अल्मोड़ा, चमोली व रुद्रप्रयाग जिलों को मिलाकर तीसरी कमिश्नरी का गठन किया जाना पर्वतवासियों को एक नई पहचान दिया जाना है। उन्होंने कहा कि पर्वतवासियों की पहचान पृथक-पृथक कुमाऊंनी-गढ़वाली होने के बजाय पर्वतीय होना यहां के निवासियों के स्वाभिमान का विषय है। उन्होंने कहा नई कमिश्नरी बनने से अब पहाड़ में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। कहा कि उत्तराखंड में कुमांऊ आयुक्त, गढ़वाल आयुक्त, पर्वतीय आयुक्त तीन मंडल होने से अब पहाड़ का तीव्र गति से विकास होगा। उन्होंने तीसरे नवसृजित मंडल का नाम पर्वतीय आयुक्त रखने की मांग की, ताकि पर्वतवासियों का स्वाभिमान व पहचान बनी रहे।

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