कृषि विधेयक पर सत्तापक्ष व विपक्ष आमने सामने

अल्मोड़ा कृषि विधेयकों के खिलाफ सत्तापक्ष व विपक्ष अब आमने सामने आ गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 05:00 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 05:00 AM (IST)
कृषि विधेयक पर सत्तापक्ष व विपक्ष आमने सामने
कृषि विधेयक पर सत्तापक्ष व विपक्ष आमने सामने

संस, अल्मोड़ा : कृषि विधेयकों के खिलाफ सत्तापक्ष व विपक्ष अब आमने सामने आ गए हैं। युवक कांग्रेस ने जहां संसद में पास बिल को किसान हितों के खिलाफ करार दे प्रदर्शन किया। वहीं भाजपा ने कहा कि यह बिल किसानों को उपज बेचने की खुली आजादी देगा।

युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने माल रोडपर जुलूस निकाल प्रदर्शन किया। उन्होंने कृषि बिल को किसान विरोधी बताते हुए इसे जल्द निरस्त करने की मांग उठाई। जिलाध्यक्ष निर्मल रावत ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियां व्यापारी, युवा व किसानों के खिलाफ है। यही वजह है कि किसान परेशान है और युवा बेरोजगारी की मार झेल रहा। विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष धीरज गैलाकोटी ने कहा कि कार्यकर्ता किसान हित में विरोध प्रदर्शन और तेज करेंगे। जुलूस में जिला महासचिव संजीव कम्र्याल, नगर काग्रेस अध्यक्ष पूरन रौतेला, जिला उपाध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, प्रदीप अमर बिष्ट, विनय सैलानी, मनोज कनवाल, अनिल प्रसाद, देवेंद्र प्रसाद, बलवंत दानू, गौरप कुमार, विजय कनवाल, महेंद्र रावत, सुनील कुमार, संजय कुमार, मोहित कुमार, पूरन सिंह, फईम खान, संजय सिंह, अभिषेक सहदेव, अभिषेक शर्मा, आशीष कुमार, नवल बिष्ट आदि शामिल रहे।

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किसानों को गुमराह कर रही कांग्रेस : लटवाल

फोटो : 26 एएलएम पी 9

अल्मोड़ा : वरिष्ठ भाजपा नेता व जिला सहकारी अध्यक्ष ललित सिंह लटवाल ने कृषि विधेयकों पर विपक्ष के हमलों पर पलटवार किया। साथ ही कृषि बिल की विशेषताएं गिनाते हुए कहा कि विपक्षी दल किसानों को गुमराह कर रहे। उन्होंने कृषि बिल को किसानों के हित में बताया। कहा कि कांग्रेस उन बिचौलियों के पक्ष में खड़ी हो रही है जो किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य देते ही नहीं। केंद्र सरकार प्रत्येक वर्ष किसानों के खाते में 6000 रुपये पहुंचा रही है। आरोप लगाया कि कांग्रेस सियासी हित साधने के लिए विधेयक का विरोध करा रही है।

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भाजपा नेता गिनाई खूबियां

= किसान बिल का न्यूनतम समर्थन मूल्य से कोई लेनादेना नहीं।

= जो एमएसपी अभी दिया जा रहा वह मिलता रहेगा।

= मंडी व्यवस्था में कोई कोई बदलाव नहीं होने वाला

= किसान बिल किसानों को उपज बेचने की आजादी देगा। वह फसल किसी को कहीं भी बेच सकेगा।

= 'वन नेशन वन मार्केट' की सोच होगी साकार

= ज्यादा मुनाफे को बड़ी फूड प्रोसेसिंग कंपनियों के साथ किसान कर सकेंगे पार्टनरशिप

= फसल उगाने से पहले ही बेच सकेंगे यानी फसल फैंकनी या जलानी नही पड़ेगी।

= किसानों की भूमि की बिक्त्री, लीज व गिरवी रखने पर लगेगी पाबंदी

= बिल से समझौता फसलों का होगा, जमीन का नहीं।

= कई राज्यों में बड़े कॉर्पोरेशन के साथ मिल किसान गन्ना, चाय व कॉफी जैसी फसल उगा रहे।

= छोटे किसानों को भी मिलेगा बड़ा लाभ

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