लोगों को भा रहा कलाकारों का जीवंत अभिनय

सांस्कृतिक नगरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी रामलीला मंचन की धूम मची हुई है। भगवान श्रीराम की लीला का मंचन देखने दूर दूर से लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंच रहे है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 06:20 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 06:22 PM (IST)
लोगों को भा रहा कलाकारों का जीवंत अभिनय
लोगों को भा रहा कलाकारों का जीवंत अभिनय

फोटो:: 11 एएलएम पी9, पी10, पी11, पी12, पी19

- नगर के विभिन्न स्थानों में देर रात्रि तक हो रहा रामलीला मंचन संस, अल्मोड़ा : सांस्कृतिक नगरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी रामलीला मंचन की धूम मची हुई है। भगवान श्रीराम की लीला का मंचन देखने दूर दूर से लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंच रहे है। नगर में रामलीला मंचन के चौथे दिन कुछ स्थानों पर केवट मिलन से चित्रकूट मिलन तक की रामलीला दिखाई गई तो वहीं कुछ स्थानों पर मंथरा कैकेयी संवाद से श्रीराम वनवास तक की रामलीला का मंचन किया गया।

रामलीला मंचन के चौथे दिन लक्ष्मी भंडार, नंदादेवी, राजपुरा व धारानौला की रामलीला में श्रीराम-केवट मिलन, सुमंत मिलाप, दशरथ मरण व चित्रकूट मिलन तक की रामलीला की गई। वहीं कर्नाटक खोला व सरकार की आली में मंथरा-कैकेयी संवाद, कैकेयी-दशरथ संवाद से लेकर वनवास तक की रामलीला का मंचन किया गया। इससे पहले रामलीला कमेटी के लोगों ने विधिविधान से मंच पूजा की उसके बाद भगवान श्रीराम स्तुति के साथ रामलीला शुरू की गई। कोरोना काल के बाद इस वर्ष नगर के सात स्थानों पर रामलीला का मंचन हो रहा है। सभी जगह कलाकार अपने गायन व अभिनय से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दर्शकों की तालियां बटोर रहे हैं। नगर के एनटीडी में भी रामलीला मंचन जारी है। इस वर्ष विधिवत रूप से रामलीला मंचन के लिए बच्चों और युवाओं में उत्साह नजर आ रहा है। श्रीराम व सीता माता का व्यक्तित्व जीवन में उतारने की है आवश्यकता : च्योति साह मिश्रा

भतरौजखान : रामलीला के चौथे दिन सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। स्वयंवर में पहुंचे अनेक राजा धनुष उठाने का प्रयास करते हैं, परंतु धनुष टस से मस नहीं होता। इसके बाद गुरु का आशीर्वाद लेकर श्रीराम प्रत्यंचा चढ़ाकर धनुष को तोड़ देते है। वहीं भगवान श्रीराम व माता-सीता का विवाह हो जाता है। जिसके बाद माता सीता की जनकपुरी से विदाई होती है। रामलीला मंचन देखने पहुंची राज्य महिला आयोग उपाध्यक्ष च्योति साह मिश्रा ने सीता स्वयंवर के मंचन के दौरान क्षेत्र की महिलाओं से माता सीता के पति धर्म को अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज बदलते आधुनिक परिवेश में लोग धर्म से विमुख हो रहे हैं। जबकि श्रीराम कथा के श्रवण मात्र से ही पाप का क्षय होता है। इस दौरान दीपक छिमवाल, सन्नू पन्त, हरीश खुल्बे, रघुवीर पंत, पूरन करगेती ने मंच संचालन किया।

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