केमू की हड़ताल से बढ़ी दुश्वारी, घाटा पहुंचा 1.05 करोड़

एक सूत्रीय समस्या का समाधान नहीं होने से कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन की हड़ताल से यात्रियों की दुश्वारी बढ़ती जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 10:24 PM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 10:24 PM (IST)
केमू की हड़ताल से बढ़ी दुश्वारी, घाटा पहुंचा 1.05 करोड़
केमू की हड़ताल से बढ़ी दुश्वारी, घाटा पहुंचा 1.05 करोड़

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : एक सूत्रीय समस्या का समाधान नहीं होने से कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन (केमू) की हड़ताल शनिवार को 21वें दिन भी जारी रही। इससे जिले में 40 बसों के पहिए थमे रहे। हड़ताल के चलते केमू को अब तक करीब 1.05 करोड़ का घाटा हो चुका है। वहीं इस परिवहन संस्था से जुड़े चालकों व परिचालकों के समक्ष कठिन दौर में रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। बस मालिकों के समक्ष टैक्स व बीमा किश्त भरने की समस्या आन पड़ी है।

कोरोना महामारी के दौर में सरकार की गाइडलाइन के अनुसार केमू में सवारियों की पचास प्रतिशत यात्री क्षमता पर भी पुराना किराया लिए जाने की व्यवस्था से बस संचालकों में नाराजगी है। इस व्यवस्था के विरोध में केमू की हड़ताल शनिवार को भी जारी रही। इससे यात्रियों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा। उन्हें महंगा किराया देकर निजी टैक्सियों में रवाना होना पड़ा।

कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की वजह से शासन ने सार्वजनिक परिवहन को लेकर आदेश जारी कर कहा था कि इन बसों में आवागमन के लिए पचास प्रतिशत यात्री क्षमता से ही सवारियां ले जानी होंगी और निर्धारित मार्गो का किराया वही लिया जाएगा जो पूर्व में लिया जा रहा था। इस व्यवस्था के विरोध में बस संचालकों ने बीती 2 मई से बसों का संचालन ठप कर दिया है। तब से अब तक शासन की ओर से बस संचालकों की एक सूत्रीय मांग पर कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से इसका असर जहां केमू के बस मालिकों व चालकों व परिचालकों पर पड़ रहा है, वहीं यात्रियों को भी भारी फजीहत के दौर से गुजरना पड़ रहा है। इसका कारण यह है कि पहाड़ के अधिकांश आंतरिक रूटों पर केमू की ही बसों का संचालन होता है।

इधर केमू के स्टेशन इंचार्ज बीसी चंदोला ने बताया कि अल्मोड़ा से प्रतिदिन हल्द्वानी समेत कुमाऊं के विभिन्न जनपदों के लिए विभिन्न मार्गो को करीब 40 बसों का संचालन रोज किया जाता है, लेकिन शासन के 50 फीसद यात्री क्षमता के साथ पुराने किराये के आदेश के विरोध में केमू की हड़ताल 21 वें रोज भी जारी रही।

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