कुमाऊं का पहला आध्यात्मिक गांव बनेगा कटारमल
कुमाऊं के एकमात्र सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध कटारमल गांव पहले अध्यात्मिक गांव के रूप में विकसित होगा। स्वदेश दर्शन योजना के तहत 13 करोड़ रुपये की लागत से गांव आध्यात्मिक गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : कुमाऊं के एकमात्र सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध कटारमल गांव पहले अध्यात्मिक गांव के रूप में विकसित होगा। स्वदेश दर्शन योजना के तहत 13 करोड़ रुपये की लागत से गांव आध्यात्मिक गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे जिले की देश और विदेश में अलग पहचान बनने के साथ पर्यटन विकास में भी पंख लगेंगे।
पहाड़ों में अनुकूल मौसम और शांत वातावरण हमेशा से ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में न सिर्फ पर्यटक बल्कि भारी संख्या में श्रद्धालु भी पहुंचते हैं। नगर से करीब 13 किमी दूर कटारमल स्थित कुमाऊं के एकमात्र सूर्य मंदिर में भी सीजन में भारी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु पहुंचते हैं। कोणार्क के बाद भगवान सूर्य के धाम के रूप में सबसे पहले कटारमल स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर का नाम लिया जाता है। सैकड़ों वर्ष पूर्व कत्यूरी वंश के शासक राजा कटारमल की ओर से बनवाया गया धरोहर पूरे देश में प्रसिद्ध है। उत्तर भारत की कत्यूर वास्तुकृतियों में विशिष्ट स्थान रखने वाली धरोहर अब को अध्यात्मिक गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा। स्वदेश दर्शन योजना के तहत क्षेत्र में कैफे, योग केंद्र और ध्यान केंद्र जैसी सुविधाएं शुरू होंगी। जिसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से प्रस्ताव बनाया जा रहा है। 13 करोड़ की लागत से गांव में तमाम कार्य किए जाएंगे। स्थानीय लोगों के लिए रोजगार की भी बढ़ेंगी संभावनाएं
कटारमल सूर्य मंदिर के अध्यात्मिक गांव बनने से पहले ही यहां स्थानीय युवाओं को रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। गांव में स्थानीय रूप से निíमत उत्पादों के लिए एक बाजार भी स्थापित किया जाएगा। वहीं गांव में 15 होम स्टे बनाए जा रहे हैं। सभी होम स्टे स्थानीय लोगों की ओर से संचालित किए जाएंगे। जिससे काफी हद तक रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। कटारमल को अध्यात्मिक गांव के रूप में विकसित करने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। अधिकतर कार्य वहां हो चुके हैं। जल्द ही गांव अध्यात्मिक रूप में विकसित होगा।
- राहुल चौबे, जिला पर्यटन अधिकारी, अल्मोड़ा