पशुपालकों को दी योजनाओं की जानकारी

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अल्मोड़ा जनपद के ताड़ीखेत ब्लाक मुख्यालय में पशुपालकों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गयी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 11:17 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 11:17 PM (IST)
पशुपालकों को दी योजनाओं की जानकारी
पशुपालकों को दी योजनाओं की जानकारी

संवाद सूत्र, ताड़ीखेत (रानीखेत) : राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत ब्लाक मुख्यालय में हुई गोष्ठी में पशुपालकों को विभिन्न जानकारिया दी गई। विभागीय अधिकारियों ने राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी दें लाभ उठाने का आह्वान भी पशुपालकों से किया।

पशु चिकित्सालय में हुई गोष्ठी में आसपास के गावों से पहुंचे पशुपालकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। पशु चिकित्साधिकारी डा. जयपाल करगेती ने कहा कि वर्तमान में ब्लाक के प्रत्येक गाव में पशुओं को खुरपका का टीकाकरण तथा टैगिंग की प्रक्रिया की जा रही है जो उनका आधार कार्ड होगा। कहा कि ब्लाक के तमाम गावों में अभी तक चौदह हजार से अधिक पशुओं की टैगिंग व टीकाकरण किया जा चुका है। पशु चिकित्साधिकारी ने पशुपालकों को पशुओं में होने वाली बीमारी व उनसे बचाव के तौर तरीके भी बताए। मुख्य अतिथि पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा ध्यान सिंह नेगी ने राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया। इस दौरान भोलादत्त पाडे, खड़क सिंह, कृष्णा जोशी, हीरा राम, गोपुली देवी, नीमा पाडे, जीवंती पाडे, शाति पाडे, पुष्पा देवी आदि मौजूद रहे।

उधर अल्मोड़ा नगर में बेसहारा जानवर लोगों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं। नगर में बेसहारा गांवंशीय पशुओं के साथ कुत्तों सुअरों व बंदरों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। गाय और बैल कई बार लोगों को चोटिल भी कर चुके हैं। वहीं कुत्ते राह चलते लोगों पर झपटते हैं। नगर के कूड़ादानों से कूड़े को बाहर निकालकर यह गंदगी भी फैला रहे हैं। बाजारों व मोहल्लों में घूमते ये बेसहारा पशुओं से लोगों को भय बना रहता है। पालिका द्वारा कई बेसहारा गोवंशीय पशुओं को पूर्व में गो सदन भी भेजा जा चुका है उसके बाद भी नगर में इनकी संख्या कम नहीं हो रही है। सुबह व शाम को नगर के विभिन्न कूड़ेदानों के पास इन बेसहारा पशुओं का झुंड लगा रहता है। वहीं कभी वह भोजन के कारण आपस में भिड़ पड़ते हैं तो कभी यातायात बाधित कर रहे हैं। नगर के लोग इन गोवंशीय पशुओं को गो सदन भेजने की मांग करने के साथ ही बाजार व नगर क्षेत्र में पशुओं को छोड़ने वाले लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे हैं।

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