भारतीय जांबाजों ने सिखाया कैसे रोकी जाती है घुसपैठ

भारत अमेरिकी संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास काउंटर इंसर्जेसी एंड काउंटर आतंकवाद थीम पर त्वरित कार्रवाई की ओर बढ़ गया है। इसी के तहत भारतीय जांबाजों ने सिखाया घुसपैठ कैसे रोकी जाती है।

By Edited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 11:02 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 08:24 AM (IST)
भारतीय जांबाजों ने सिखाया कैसे रोकी जाती है घुसपैठ
भारतीय जांबाजों ने सिखाया कैसे रोकी जाती है घुसपैठ

रानीखेत, [जेएनएन]: 'फायर एंड मूव टेक्टिस', 'क्लिफ टॉप असॉल्ट', 'किल बॉक्स' आदि ऑपरेशन के बाद अब भारत अमेरिकी संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास 'काउंटर इंसर्जेसी एंड काउंटर आतंकवाद' थीम पर त्वरित कार्रवाई की ओर बढ़ गया है। इसी के तहत सीमा पार से आम नागरिकों के साथ बस में सवार घुसपैठिए बॉर्डर में प्रवेश कर गए। वाहन की सघन तलाशी, आर्मी बम स्क्वायड के तेज तर्रार लैब्रा के पूरी जांच के बीच अचानक घुसपैठियों ने भागने की कोशिश की। मगर सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जांबाजों ने उन्हें मार गिराया। साथ ही अवैध रूप से लाया जा रहा गोला बारूद भी कब्जे में ले लिया।

यह काल्पनिक ऑपरेशन चौबटिया सैन्य छावनी क्षेत्र में 15-गढ़वाल रायफल्स की अगुवाई में भारत व अमेरिका के संयुक्त युद्ध अभ्यास के दौरान मुख्य सड़क पर चलाए गए सर्च ऑपरेशन का है। इसमें सिख रेजिमेंट्स के जांबाजों ने अपनी सैन्य क्षमता, तकनीक व युक्ति के साथ सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को कैसे नाकाम किया जाता है, इसका बखूबी प्रदर्शन किया। अहम पहलू कि सर्च अभियान में सेना के डॉग स्क्वायड की बड़ी भूमिका को भी सामने रखा गया। आर्मी बम स्क्वायड के मुख्य हीरो लैब्रा ने पूरे वाहन की तलाशी ली बल्कि घुसपैठियों पर फायरिंग के दौरान सैनिकों के साथ खुद भी मोर्चाबंदी कर लेट गया। 

..और क्विक रिएक्शन के जरिये लिया मोर्चा 

बॉर्डर पर काउंटर इंसर्जेसी के दौरान भारतीय सेना की क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) के दस्ते ने त्वरित सैन्य कार्रवाई की बानगी पेश की। साथ ही अमेरिकी सैन्य विशेषज्ञों व सैनिकों को आपात स्थिति में कैसे त्वरित कदम उठा कर दुश्मनों के मंसूबों को नाकाम किया जाता है, इस युक्ति को साझा भी किया। 

 

'हां, मैंने पढ़ा है भारतीय आध्यामिक गुरु नीम करौली के बारे में'

रानीखेत मार्क जुकरबर्ग (फेसबुक) व स्टीव जॉब्स (एप्पल) की जिंदगी बदल देने वाले बाबा नीम करौली महाराज के मुरीद अमेरिकी सेना में भी कम नहीं। बाबा का नाम लेते ही यूएस आर्मी के युवा सैन्य अधिकारियों की आंखों में एक चमक सी आ गई। 

जिज्ञासावश पूछने लगे -'जुकरबर्ग व स्टीव को दुनिया में प्रसिद्धि देने वाले बाबा मिलेंगे कहां, भारत आकर हम भी उनके दर्शन करना चाहते हैं..'। चौबटिया सैन्य छावनी क्षेत्र में संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास के बीच फूर्सत के पलों में 'जागरण टीम' ने अमेरिकी सैन्य अधिकारियों व सैनिकों के बीच जाकर आध्यात्मिक गुरु बाबा नीम करौली महाराज का जिक्र छेड़ा। यह देखकर हैरानी हुई कि अमेरिकी सैनिकों ने बेशक कैंची धाम (नैनीताल) न देखा हो। वहां गए भी न हों, मगर बाबा के नाम से परिचित जरूर हैं। अमेरिकी यूवा सैन्य अधिकारियों को यह भी मालूम है कि जुकरबर्ग व स्टीवजॉब भारत आए थे।

बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन किए और फेसबुक व एप्पल का नाम पूरी दुनिया में छा गया। यूएस आर्मी में सार्जेट हीबार्ट बोले- 'उन्होंने बाबा के बारे में पढ़ा भी है'। यह पूछे जाने पर कि वह समय निकाल कर सपरिवार कैंची धाम जाने की तमन्ना रखते हैं तो सार्जेट ने कहा- 'हां, मैं ऐसे बाबा के दर्शन करने जरूर जाना चाहूंगा, जो अध्यात्म के जरिये किसी को प्रसिद्धि दिला दे..'। यूएस आर्मी में ही लेफ्टिनेंट रिनाल्डो के अनुसार उन्होंने भी सुना है कि जुकरबर्ग व स्टीवजॉब की सफलता के पीछे भारत में रहने वाले एक आध्यात्मिक गुरु का ही आशीर्वाद है। उन्होंने बाकायदा कैंची धाम में बाबा के दर्शन की इच्छा भी जाहिर की।

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