रखरखाव के अभाव में उद्यान सचल दल केंद्र खस्ताहाल

रानीखेत में पर्वतीय क्षेत्र में किसानों को खेती से जोड़ने के सरकारी दावे कितने सच साबित हो रहे हैं यह बयां कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:23 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:23 PM (IST)
रखरखाव के अभाव में उद्यान सचल दल केंद्र खस्ताहाल
रखरखाव के अभाव में उद्यान सचल दल केंद्र खस्ताहाल

संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्वतीय क्षेत्र में किसानों को खेती से जोड़ने के सरकारी दावे कितने सच साबित हो रहे हैं यह बयां कर रहा है रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे पर बजोल में किसानों की मदद को लाखों की लागत से बना उद्यान सचल दल केंद्र का भवन। रखरखाव के अभाव में भवन लगातार खस्ताहाल हो जाते हैं। हालात यह है कि यहां न तो बिजली है और ना ही पानी। पानी न होने के कारण यहां कार्यरत कर्मचारी एक अदद शौचालय के लिए तरस गए हैं।

ताड़ीखेत ब्लाक के 24 गांवों के तीन हजार से अधिक किसानों की मदद के लिए 1995 में कृषि विभाग ने उद्यान सचल दल केंद्र का निर्माण कराया। निर्माण से लेकर आज तक भवन में न तो बिजली है और ना ही पानी। जिस कारण यहां कार्यरत कर्मचारियों के साथ किसानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रखरखाव में हालात यह है कि बारिश का पानी भी कई बार अंदर आ जाता है। भवन बाहर से भी बदहाल हालत में पहुंच चुका है। भवन के खस्ताहालत में पहुंचने से तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकारी भवन में बिजली पानी की सुविधा ना होना पर्वतीय क्षेत्रों की उपेक्षा की तस्वीर साफ कर रहा है। तमाम काश्तकारों का कहना है कि कई बार बदहाल हालत में पहुंच चुके कार्यालय में आवाजाही होती है पर हादसे का खतरा भी बना रहता है। किसानों ने भवन को तत्काल दुरुस्त करने की माग उठाई है।

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भवन को दुरुस्त करने के लिए करीब साढे़ छह लाख रुपये का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर कार्य करवाया जाएगा। बिजली व पानी के कनेक्शन को भी उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया जाएगा ताकि भविष्य में भी किसानों व कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके।

-कैलाश पुजारी, प्रभारी, उद्यान सचल दल, बजोल

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