अल्मोड़ा में मां नंदा-सुनंदा को विदाई देने बरसे मेघ और उमड़े लोग

अल्मोड़ा जिले में आराध्या मां नंदा-सुनंदा के पवित्र डोले की विदाई देने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 11:22 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 11:22 PM (IST)
अल्मोड़ा में मां नंदा-सुनंदा को विदाई देने बरसे मेघ और उमड़े लोग
अल्मोड़ा में मां नंदा-सुनंदा को विदाई देने बरसे मेघ और उमड़े लोग

संस, अल्मोड़ा: 'अश्याली को रेटा कफू बासो जेठा, आजाक जाइया मइया अघिला हूं भेटा..'। अगले वर्ष फिर मायके में विराजमान होने व भेटने (मुलाकात) की मंगलकामनाओं के साथ देवभूमि की अराध्य मां नंदा एवं सुनंदा को भावुक विदाई दी गई। आस्था व भावनाओं के ज्वार में भादौ की फुहार ने भी मानो कुलदेवियों को भावुक अंदाज में कैलास को विदा किया। मां नंदा सुनंदा के जयकारों व 'नंदा ऊंचा कैलास की जय..' आदि लोकगीतों एवं उद्घोष के बीच अराध्य देवियों के पवित्र डोले की नगर परिक्रमा कर भव्य शोभयात्रा निकाली गई। जगह जगह पुष्पवर्षा कर श्रद्धालुओं ने मां नंदा सुनंदा से अगले वर्ष फिर मिलने की विनती की।

चंदवंश की राजधानी रही सांस्कृतिक नगरी शुक्रवार को नंदामय हो उठी। गढ़ कुमौं की साझा गौरवशाली संस्कृति एवं परंपरा के बीच प्रात: ब्रह्ममुहूर्त से ही ऐतिहासिक मां नंदादेवी मंदिर में विशेष पूजन हुआ। राजपुरोहित पं. नोगश चंद्र पंत व पं. दिनेश चंद्र पंत के निर्देशन में चंदराजवंश के उत्तराधिकारी नैनीताल के पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा, उनकी धर्मपत्नी मणिमाला सिंह, पुत्र नरेंद्र चंद सिंह व पुत्रवधू कामाक्षी सिंह ने विधिवत अनुष्ठान पूर्ण किए। ड्योड़ीपोखर स्थित मां जगदंबा दरबार में भी धार्मिक आयोजन हुए।

सायं बीती सप्तमी से मायके में विराजमान मां नंदा सुनंदा को कैलास के लिए रवाना किया। हर आंख नम थी। इस बीच बारिश की फुहारों ने भी जैसे भावुक अंदाज में कुलदेवी को विदा किया। पवित्र डोले की शोभायात्रा ऐतिहासिक नंदादेवी मंदिर परिसर से शुरू होकर ड्योड़ीपोखर स्थित जगदंबा दरबार, माल रोड, लोहे के शेर से कचहरी, रघुनाथ मंदिर, जौहरी, थाना व पल्टन बाजार होती हुई दुगालखोला स्थित पवित्र नौले में डोले का विधिवत विर्जन किया गया।

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