अल्मोड़ा में अगर आपको सांस की तकलीफ हुई तो जान का जोखिम समझिये

अल्मोड़ा में भगवान न करे फिर किसी मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो। वजह जनपद मुख्यालय के जिला अस्पताल में बिछी आक्सीजन पाइपलाइन में अभी तक सप्लाई चालू न होना है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Dec 2020 06:23 PM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2020 06:23 PM (IST)
अल्मोड़ा में अगर आपको सांस की तकलीफ हुई तो जान का जोखिम समझिये
अल्मोड़ा में अगर आपको सांस की तकलीफ हुई तो जान का जोखिम समझिये

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : भगवान न करे फिर किसी मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो। वजह जनपद मुख्यालय के जिला चिकित्सालय में गंभीर रोगी को कृत्रिम आक्सीजन देने के इंतजाम खुद ही वेंटीलेटर पर हैं। कहना गलत न होगा कि स्वास्थ्य विभाग ने पहले गर्भवती उसके बाद प्रसूता की मौत से अब तक सबक नहीं लिया है। राज्य महिला आयोग के कड़े रुख व प्रशासन से लापरवाही पर जवाब मांगने के बावजूद इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) की सुविधा शुरू नहीं की जा सकी है। चिकित्सालय में इधर-उधर पड़े आइसीयू उपकरण व्यवस्था पर सवाल तो हैं ही, बदइंतजामी मरीजों की जिंदगी पर भारी भी पड़ रही है।

जिला चिकित्सालय में आइसीयू की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखने को निदेशालय ने मई में दो वेंटिलेटर भेजे थे। यूनिट कक्ष को स्वीकृति भी मिली। महीनों बाद चिकित्सालय के प्रत्येक वार्ड तक आक्सीजन पाइपलाइन जैसे-तैसे बिछाई जा सकी मगर मरीजों की जान बचाने को आक्सीजन ही नहीं है। सूत्र कहते हैं कि आइसीयू वार्ड बनने के बाद ही पाइपलाइनों में आक्सीजन प्रवाहित की जा सकेगी। इसमें अभी लंबा वक्त लगेगा। यानी इस वर्ष तो मरीजों की जान सांसत में ही रहेगी।

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मुंह चिढ़ा रहे सभी छह वेंटिलेटर बीते चार माह से जिला चिकित्सालय में छह वेंटिलेटर धूल फांक रहे। आइसीयू के अभाव में या तो मरीजों को रेफर किया जा रहा, या उनकी जान पर आफत ही आ रही।

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'आइसीयू कक्ष में जल्द वेंटिलेटर इंस्टाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद है अगले वर्ष की शुरुआत में आइसीयू चालू हो जाएगा। इससे गंभीर मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी।

- डा. आरसी पंत, पीएमएस, जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा'

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