पानी के लिए 20 दिन से ईड़ा गांव में अनशन, प्रशासन बेजुबान
अल्मोड़ा जिले के ग्राम पंचायत ईड़ा में बीते 20 दिनों से पेयजल आपूर्ति के स्थायी समाधान की मांग को लेकर चल रहा अनशन। मगर प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है।
द्वाराहाट : पेयजल संकट से जूझ रही जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत ईड़ा में बीते 20 दिनों से चले आ रहे आदोलन के बावजूद विभाग स्थायी समाधान नहीं खोज सका है। गुस्साए ग्रामीण शनिवार की सुबह से ही व्यवस्था के खिलाफ अनशनस्थल पर पहुंचे। तंत्र के खिलाफ नारेबाजी की
शासन प्रशासन की हठधíमता से नाराज ईड़ा गाव में आमरण अनशन पर बैठे आदोलनकारियों को समर्थन देने सुबह से ही अन्य ग्रामीण मौके पर डट गए। का नमूना बन गया है। बीती मंगलवार से भूख हड़ताल पर बैठे 63 वर्षीय दिगंबर सिंह ने कहा कि जब तक पेयजल योजना का स्थायी समाधान नहीं तलाश लिया जाता, आदोलन खत्म नहीं करेंगे।
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इसलिए हैं नाराज
विकासखंड के दूरस्थ क्षेत्र ईड़ा में तीन माह से पानी की आपूíत भंग रहने तथा अन्य लंबित समस्याओं का समाधान न होने से गुस्साए ग्रामीणों को एक माह में दो बार आदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा। छह अक्टूबर से शुरू आमरण अनशन के बाद तहसील प्रशासन व विभागीय अधिकारियों के आश्वासनों के बावजूद लोग आदोलन समाप्त करने को कतई राजी नहीं। प्रशासन भूख हड़ताल पर बैठे लोगों को उठाता जा रहा और ग्रामीण अनशन पर बैठते जा रहे। अनशन पर बैठे मोहन सिंह व कमल बिष्ट को जबरन उठा द्वाराहाट सीएचसी भर्ती करवा दिया गया था। लेकिन उनके स्थान पर 72 वर्षीय बुजुर्ग केसर सिंह तथा 63 वर्षीय दिगंबर सिंह ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। अब धरने पर बैठने वालों में गोपुली आमा के अलावा शाति देवी, कुंती देवी, पुष्पा देवी, भगवती देवी, दीपा देवी, हेमा देवी, सरस्वती देवी व शाति बिष्ट शामिल हैं।
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चरणबद्ध भूख हड़ताल पर ये बैठे पहला चरण- राजेंद्र सिंह व पुष्कर सिंह।
दूसरा चरण- लाली राम, भूपाल सिंह, उमेश सिंह व विपिन आर्या।
तीसरा चरण- दीपक बिष्ट
चौथा चरण- मोहन सिंह व कमल बिष्ट
अब - केसर सिंह व दिगंबर सिंह।