अल्मोड़ा जिले के मानिला इंटर कालेज में अतिथि शिक्षक भी बने प्रधान जी

अल्मोड़ा जिले के मानिला इंटर कालेज में भी एक ग्राम प्रधान अतिथि शिक्षक बन गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 11:26 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 11:26 PM (IST)
अल्मोड़ा जिले के मानिला इंटर कालेज में अतिथि शिक्षक भी बने प्रधान जी
अल्मोड़ा जिले के मानिला इंटर कालेज में अतिथि शिक्षक भी बने प्रधान जी

संस, मानिला (अल्मोड़ा): द्वाराहाट के जीआइसी बग्वालीपोखर में जिला पंचायत सदस्य के अतिथि शिक्षक के रूप में तैनाती के बाद अब सल्ट ब्लॉक में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। पुनवाद्योखन गांव के प्रधान पंचायती राजनीति के साथ मानिला इंटर कालेज में अतिथि शिक्षक की नौकरी भी कर रहे हैं। सीईओ ने कहा कि मामला सही है तो प्रधान या अतिथि शिक्षक में से एक पद छोड़ना होगा। वहीं दोहरे लाभ के आरोप में घिरे प्रधान ने सफाई दी कि अतिथि शिक्षक का पद अस्थायी होता है। उधर, ग्रामीणों ने कहा कि प्रधानी व गेस्ट टीचर की नौकरी के फेर में गांव का विकास ठप हो गया है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) के जगदीश चंद्र की अगुआई में ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार पूरननाथ गोस्वामी को ज्ञापन दिया। कहा कि पनुवाद्योखन के ग्राम प्रधान अनिल कुमार ने मानिला इंटर कॉलेज में अतिथि शिक्षक की तैनाती लेकर दोहरा लाभ ले रहे हैं। कहा कि इससे गांव का विकास जहां प्रभावित हो गया है, वहीं संबंधित इंटर कॉलेज में विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उपपा नेता ने कहा कि मनरेगा श्रमिकों का भुगतान भी रुक गया है।

उन्होंने अतिथि शिक्षक की नौकरी भी कर रहे ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया कि गांव में बीपीएल कार्डधारकों को एपीएल में दर्शाया गया है। वहीं जो एपीएल श्रेणी के हैं उन्हें बीपीएल श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग उठाई। इस दौरान जगदीश चंद्र, गिरीश सिंह राणा, नंद किशोर, कैलाश चंद, किशोर चंद, सुरेश सिंह, दयाल राम,उदय राम, जगदीश आदि मौजूद रहे।

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'अतिथि शिक्षक की नौकरी पाने वाला ग्राम प्रधान है इसकी विभागीय स्तर पर कोई जानकारी नहीं है। ये सूचना या शिकायत मिलेगी तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

-हिमाशु नौगाई, बीईओ सल्ट'

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'गांव में विकास कार्य व विद्यालय में पठनपाठन सही चल रहा है। दोनों के लिए मैं समय निकाल लेता हूं। अ‌र्द्धशासकीय विद्यालयों के शिक्षक जब चुनाव लड़ सकते हैं तो अतिथि शिक्षक का पद भी अस्थायी है। मानदेय व वेतन में फर्क होता है। यदि विभागीय नियम के खिलाफ है तो मैं एक पद छोड़ने को तैयार हूं। यह कुछ लोगों की साजिश है।

- अनिल कुमार, ग्राम प्रधान व अतिथि शिक्षक'

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'प्रधानी व अतिथि शिक्षक की नौकरी साथ नहीं चल सकती। उन्हें एक पद छोड़ना होगा। आज ही मेरी जानकारी में ये मामला आया है।

- एचबी चंद, सीईओ अल्मोड़ा'

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