अल्मोड़ा जिले के बालिका स्कूलों में शिक्षिकाएं हैं न प्रधानाचार्य

एक ओर बेटी पढ़ाओ का नारा प्रचारित किया जा रहा है। वहीं अल्मोड़ा जिले में बालिका स्कूलों में शिक्षक व प्रधानाध्यापक ही नहीं हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 06:20 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 06:20 PM (IST)
अल्मोड़ा जिले के बालिका स्कूलों में शिक्षिकाएं हैं न प्रधानाचार्य
अल्मोड़ा जिले के बालिका स्कूलों में शिक्षिकाएं हैं न प्रधानाचार्य

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : एक ओर बेटी पढ़ाओ का नारा प्रचारित किया जा रहा है। वहीं, जिले के बालिका स्कूलों में जरूरत के हिसाब से शिक्षिकाएं ही नहीं हैं। जिले में कुल 35 बालिका स्कूल संचालित हैं। इनमें से प्रवक्ता संवर्ग में तथा हाईस्कूल स्तर पर 92 विषयाध्यापकों की कमी अरसे से बनी है। यही हाल इन स्कूलों में प्रधानाचार्यों व प्रधानाध्यापकों का भी है। ऐसे हालात में जिले में बालिका शिक्षा को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा।

एक ओर केंद्र व राज्य सरकार बालिका शिक्षा उन्नयन को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में गिनाती है। वहीं, जिले में बालिका शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं है। 21 बालिका इंटर कालेजों वाले जिले में जहां इंटर स्तर पर गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन, जीव विज्ञान, अंग्रेजी समेत महत्वपूर्ण विषयों के 52 शिक्षकों की कमी बनी हुई है। वहीं हाईस्कूल स्तर पर संचालित 14 बालिका स्कूलों में जरूरी विषयों की 40 शिक्षिकाएं नहीं हैं। यही हाल इन स्कूलों में प्रधानाचार्यों का भी है। इंटर स्तर पर 11 तो हाईस्कूल स्तर पर 14 विद्यालयों में से एक में भी प्रधानाध्यापक नहीं है। बस विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक को प्रधानाचार्या अथवा प्रधानाध्यापक का प्रभार सौंपकर जैसे-तैसे कार्य व्यवस्था चलाई जा रही है।

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विद्यालय प्रबंधन समिति उठा रहीं मांग, सुध ही नहीं

इन स्कूलों में शिक्षकों, प्रधानाचार्यों तथा प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की मांग शिक्षक-अभिभावक संघ व विद्यालय प्रबंधन समिति लंबे समय से उठा रहे हैं। इसके बाद भी कोई सुध नहीं लिए जाने से इसका सीधा असर बालिकाओं की बेहतर शिक्षा पर पड़ रहा है।

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शासन व विभाग बालिका हित को लगातार प्रयासरत है। उनके लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई हैं। बालिका स्कूलों में प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों के खाली पदों का विषयवार विवरण शिक्षा निदेशालय को भेजा गया है।

-हर्ष बहादुर चंद, मुख्य शिक्षा अधिकारी

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