गैरसैंण कमिश्नरी नहीं अल्मोड़ा को मिलाने का विरोध : कुंजवाल

गैरसैंण कमिश्नरी विरोध थामे नहीं थम रहा। इधर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल ने विरोध जताया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 10:24 PM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 10:24 PM (IST)
गैरसैंण कमिश्नरी नहीं अल्मोड़ा को मिलाने का विरोध : कुंजवाल
गैरसैंण कमिश्नरी नहीं अल्मोड़ा को मिलाने का विरोध : कुंजवाल

संस, अल्मोड़ा: गैरसैंण कमिश्नरी विरोध थामे नहीं थम रहा। इधर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी सीएम के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ऐतिहासिक अल्मोड़ा कुमाऊं का हृदयस्थल है। प्राचीनकाल से ही यह कला एवं संस्कृति के साथ प्रशासनिक गढ़ भी रहा है। मगर मुख्यमंत्री इसका महत्व समझने में चूक कर गए। कुंजवाल ने कहा कि हम गैरसैंण कमिश्नरी का नहीं बल्कि अपनी अलग पहचान रखने वाले अल्मोड़ा को उसमें शामिल करने के खिलाफ हैं। सांस्कृतिक नगरी का वजूद बचाने के लिए आरपार की लड़ाई जड़ी जाएगी।

नगर पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेसी एवं विधायक कुंजवाल रविवार को पत्रकारों से रूबरू हुए। कहा कि गैरसैंण कमिश्नरी में अल्मोड़ा को मिलाने का उन्होंने सदन में ही विरोध किया था। सीएम होने के नाते कोई भी घोषणा की जा सकती है। मगर जनभावनाओं के उलट बगैर राय मशविरा किए फैसला लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। कुंजवाल ने कहा कि कत्यूरकाल में अल्मोड़ा मुख्य केंद्र रहा। चंदराजवंश की यह राजधानी रही। ब्रितानी दौर में कुमाऊं कमिश्नरी रही। मगर अल्मोड़ा की ऐतिहासिक पहचान मिटाई जा रही। इसे बर्दास्त नहीं करेंगे।

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राज्य में भ्रष्टाचार का बोलबाला

कुंजवाल ने कहा, राज्य में बेरोजगार बेहाल है। खेती किसानी चौपट हो रही है। राज्य सरकार के पास पलायन रोकने को स्पष्ट व ठोस नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्मकार बोर्ड में 400 करोड़ व पशुपालन विभाग में 300 करोड़ रुपये का घोटाला बता रहा है कि राज्य में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी मजबूत हुई हैं। कुंजवाल ने कहा कि भाजपा के ही केंद्रीय मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक कुंभ के कार्यो में गड़बड़ी पर सवाल उठा चुके हैं।

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सत्तापक्ष वाले बोलने नहीं देते

वरिष्ठ नेता कुंजवाल ने व्यथा सुनाई कि सदन में भ्रष्टाचार पर सवाल उठाते ही सत्तापक्ष के लोग विपक्षियों को बोलने तक नहीं देते। जीरो टॉलरेंस पर घेरते हैं तो कहा जाता है कि जवाब नहीं है।

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कमिश्नरी से बेहतर जिला ही बना देते

द्वाराहाट: उत्तराखंड विधि आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश तिवारी ने गैरसैंण कमिश्नरी को औचित्यहीन करार दिया। दो टूक कहा कि कुमाऊं की सास्कृतिक, ऐतिहासिक व राजनीतिक पहचान के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। आरोप लगाया कि सीएम के साथ सीधे संपर्क के कारण प्रशासन की सभी शक्तिया डीएम के पास निहित हैं। बेहतर होता कि सीएम नए जिले बनाते। राजनीतिक लाभ के लिए गैरसैंण को मोहरा बना दिया गया है। तंज कसा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी की आड़ में सैर सपाटे का दौर चल पड़ा है।

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