पहाड़ की वादियों में गूंजा-'फूल देई छम्मा देई..'

अल्मोड़ा/रानीखेत वसंत के उल्लास और खेत खलिहानों की खुशहाली का प्रतीक लोकपर्व धूमधाम से मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Mar 2021 11:46 PM (IST) Updated:Sun, 14 Mar 2021 11:46 PM (IST)
पहाड़ की वादियों में गूंजा-'फूल देई छम्मा देई..'
पहाड़ की वादियों में गूंजा-'फूल देई छम्मा देई..'

जागरण टीम, अल्मोड़ा/रानीखेत : वसंत के उल्लास और खेत खलिहानों की खुशहाली का प्रतीक लोकपर्व'फूल देई छम्मा देई'समूचे पर्वतीय अंचल में धूमधाम से उत्साहपूर्वक मनाया गया। पहाड़ की वादियों में मंगल गीत व देहरी पूजन से जुड़े गीत गूंज उठे। प्रात:काल मंदिरों व घरों में विशेष पूजा के बाद नन्हे मुन्ने सरसों के फूल व चावल से सजी थालियां लेकर देहरी पूजन के लिए निकल पड़े। सामाजिक एकता व खुशहाली से जुड़ी पौराणिक परंपरा गांवों में आज भी जीवंत है। अल्मोड़ा नगर क्षेत्र के साथ ही आसपास की उच्चयूर पट्टी, बिसौत, सालम, भैंसियाछाना, धौलादेवी, पनुवानौला, ताकुला, लमगड़ा ब्लॉक तथा सोमेश्वर की बौरारौ घाटी में लोकपर्व पर उत्सव सा माहौल रहा। रानीखेत उपमंडल के ताड़ीखेत, द्वाराहाट, चौखुटिया,सल्ट व स्यालदे विकासखंड में भी'फूलदेई छम्मा देई'का पर्व उल्लास पूर्वक मनाया जा रहा है। ग्रामीणों ने देहरी पूजन के लिए आने वाले बच्चों को गुड़ व दक्षिणा भेंट कर पकवान का भोग लगाया।

-----

बच्चों संग अभिभावकों ने लिया प्रकृति संरक्षण का संकल्प

धौलादेवी के बजेला ग्राम सभा में फूलदेई का कार्यक्रम समुदाय के साथ मिलकर किया । बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए तदुपरांत माता अभिभावकों ने फूलदेई पर आधारित दीवार पत्रिका का प्रकाशन किया।प्रकृति संरक्षण और प्रकृति की उपयोगिता बताता यह बाल पर्व अनूठा है।

शिक्षा में यह मौका बाल रचनात्मकता को बढ़ाने का है इसी उद्देश्य से बच्चों ने जैविक पदार्थ जैसे पुराने अखबार, कागज, गत्ते से बहुत सुंदर फूलों की टोकरियां बनाई और उन्हें सजाया।सभी बच्चों ने अपनी अपनी टोकरियों में विभिन्न प्रकार के फूल जैसे बुरांश, प्योली , आड़ू ,मेहल इत्यादि से सजाई , क्योंकि यह बाल पर्व समुदाय के साथ मिलकर आयोजित किया था इसीलिए अभिभावकों ने भी प्रकृति संरक्षण के लिए वचन लिया। बच्चों द्वारा फूलदेई पर बनाई दीवार पत्रिका का अवलोकन किया । इस मौके पर विद्यालय के सहायक अध्यापक भाष्कर जोशी समेत अनेक अभिभावक मौजूद रहे।

--------

chat bot
आपका साथी