इमरजेंसी सेवा ठप, मरीज हलकान
संवाद सहयोगी अल्मोड़ा क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन किए जाने की मांग को लेकर जि
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन किए जाने की मांग को लेकर जिले के निजी चिकित्सालय व नर्सिग होम शुक्रवार को आठवें दिन भी बंद रहे। यहां तक कि मरीजों को इमरजेंसी सेवा भी नहीं मिल पाई। इससे दूरदराज के क्षेत्रों से पहुंचे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसी स्थिति में राजकीय चिकित्सालयों में मरीजों की भीड़ रही। जिला चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड तथा बेस चिकित्सालय में सीटी स्केन मशीन अब तक दुरुस्त नहीं होने से मरीजों को फजीहत का सामना करना पड़ा ।
क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में जिले भर के निजी चिकित्सालय व नर्सिग होम शुक्रवार को भी मरीजों की ओपीडी व इमरजेंसी सेवा के लिए बंद रहे। दूरदराज के क्षेत्रों से इन अस्पतालों में इलाज को पहुंचे ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वह राजकीय चिकित्सालयों की पूछताछ करते हुए अपनी-अपनी सुविधानुसार जिला चिकित्सालय, बेस तथा विक्टर मोहन जोशी राजकीय चिकित्सालय पहुंचे और स्वास्थ्य परीक्षण कराया। राजकीय बेस चिकित्सालय में मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण तो किया गया, लेकिन यहां सीटी स्केन मशीन खराब होने से स्वास्थ्य की जांच नहीं हो पाई, इससे मरीज निराश होकर लौटे। वहीं जिला चिकित्सालय में भी अल्ट्रासाउंड मशीन मशीन खराब पड़ी है, लेकिन इस अस्पताल के रोगियों के अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था पास ही स्थित राजकीय महिला चिकित्सालय में की गई है। । लेकिन दो अस्पताल और एक मशीन के चलते मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
जिला, बेस तथा महिला चिकित्सालय के सीएमएस क्रमश: डॉ. प्रकाश वर्मा, डॉ. एचसी गड़कोटी तथा डॉ. दीपक गब्र्याल ने बताया कि अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों से ही मरीजों को इलाज दिया जा रहा है।
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कहां हुई कितनी ओपीडी
अस्पताल ओपीडी
जिला चिकित्सालय 470
बेस अस्पताल 200
महिला चिकित्सालय 104 ------------
== इनसेट
राजकीय चिकित्सालयों में संसाधन बढ़ाए सरकार
अल्मोड़ा : उत्तराखंड क्रांति दल युवा प्रकोष्ठ के प्रांतीय उपाध्यक्ष गिरीशनाथ गोस्वामी ने राजकीय चिकित्सालयों में संसाधनों की कमी दूर किए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने जिला चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड तथा बेस में खराब पड़ी सीटी स्कैन मशीन को जल्द दुरुस्त करने के लिए कारगर उपाय किए जाने की मांग उठाई है। साथ ही रिक्त पड़े विशेषज्ञ चिकित्साधिकारियों के पदों पर अविलंब नियुक्तियां किए जाने पर जोर दिया है।
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=== पैकेज
108 आपातकालीन सेवा पर उठे सवाल
-जनप्रतिनिधि व पत्रकार जिलाधिकारी दरबार पहुंचे
-ज्ञापन देकर उठाई सेवा की कार्यप्रणाली की जांच की मांग
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : 108 आपातकालीन सेवा की कार्यप्रणाली से जिला मुख्यालय के पत्रकार खफा हो चले हैं। उन्होंने जिलाधिकारी दरबार पहुंचकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। साथ ही 108 एंबुलेंस के कार्यप्रणाली की जांच किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।
जिला मुख्यालय के पत्रकारों का एक शिष्टमंडल शुक्रवार की अपरान्ह जिलाधिकारी दरबार पहुंचा। उन्होंने जिलाधिकारी को बताया कि पत्रकार अमित उप्रेती की माता को जब गुरुवार की शाम उपचार के लिए 108 से हल्द्वानी ले जाया जा रहा था तो उसके कर्मचारियों ने एंबुलेंस को छड़ा में खड़ा कर दिया और वह सब एक होटल में खाना खाने बैठ गए। इससे मरीज की तबियत और खराब हो गई। इसके बाद जैसे ही वाहन आगे बढ़ा तो भवाली के पास उसका टायर पंक्चर हो गया। परिणामस्वरूप एंबुलेंस के हल्द्वानी पहुंचने से पूर्व ही मरीज की मौत हो गई। जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम डेढ़ घंटे का विलंब हुआ। कहा गया है कि यदि वाहन डेढ़ घंटा पहले पहुंच जाता तो संभवत: मरीज की जान बचाई जा सकती थी। शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि 108 के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण मरीज की जान गई। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की जांच जिलाधिकारी से कराए जाने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी, युसूफ तिवारी के अलावा अनेक पत्रकार शामिल थे।
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= वर्जन
रास्ते में खाना खाने के लिए मरीज के तीमारदारों से ही पूछकर एंबुलेंस को रोका गया था। वाहन का टायर पंक्चर नहीं हुआ।
-शैलेंद्र मैठाणी, आपात सेवा जिला प्रभारी
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