मालकिन को बचाने गुलदार से भिड़ा कुत्ता, घायल

द्वाराहाट (अल्मोड़ा) क्षेत्र के रड़ा गांव में अपनी मालकिन को बचाने के लिए गुलदार से भीड़ गया कुत्ता।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 03:59 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 11:00 PM (IST)
मालकिन को बचाने गुलदार से भिड़ा कुत्ता, घायल
मालकिन को बचाने गुलदार से भिड़ा कुत्ता, घायल

संस, द्वाराहाट (अल्मोड़ा): सर्दी की दस्तक के साथ पर्वतीय क्षेत्रों में गुलदारों की धमक बढ़ने लगी है। गुलदार मानव टकराव की बढ़ती घटनाओं के बीच विकासखंड के सुदूर रड़ा गांव में बीती देर रात महिला पर हमला कर दिया। चीख पुकार पर पालतू कुत्ते के आक्रामक रुख दिखाने पर गुलदार से भिड़त हो गई। इसमें कुत्ता घायल जरूरी हो गया पर अपनी मालकिन को बचा ले गया। इधर वन्य जीव विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि अक्टूबर से जनवरी के बीच का समय बेहद संवेदनशील रहता है। इस अवधि में गुलदार आक्रामक मुद्रा में आ जाते हैं।

विकासखंड के सुदूर रड़ा गांव में बीती देर रात रमेश चंद्र पुजारी की पत्नी कमला देवी घर से बाहर निकली। तभी घुप्प अंधेरे में आंगन के एक कोने पर घात लगाए गुलदार ने हमला कर दिया। बीचबचाव को महिला चीखी चिल्लाई। तभी उसका पालतू कुत्ता मालकिन को बचाने के लिए गुलदार पर झपट पड़ा। मुठभेड़ में कुत्ता घायल हो गया लेकिन महिला की जान बचा ली।

इधर अल्मोड़ा जनपद के लमगड़ा, ताड़ीखेत, धौलादेवी, हवालबाग ब्लाक के तमाम गांवों में शाम ढलते ही गुलदारों की धमक से लोग दहशत में हैं।\ विशेषज्ञ शिकारी लखपत सिंह रावत कहते हैं कि अक्टूबर मध्य बाद गुलदारों का प्रजननकाल शुरू हो जाता है। ऐसे में गुलदार जहां जोड़े में घूमते हैं वहीं ये आक्रामक रहते हैं। खासतौर पर मादा गुलदार इस अवधि में हिसक हो जाती है। ऐसे में खुद की सुरक्षा के लिए मानव को सतर्कता की जरूरत है।

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