मनरेगा कर्मियों की हड़ताल से गांवों का विकास बाधित

समायोजन और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे वेतन की मांग पर डटे मनरेगा कर्मियों की हड़ताल से गांवों का विकास बाधित हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 03:43 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 03:43 PM (IST)
मनरेगा कर्मियों की हड़ताल से गांवों का विकास बाधित
मनरेगा कर्मियों की हड़ताल से गांवों का विकास बाधित

संसू, मानिला (अल्मोड़ा) : समायोजन और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे वेतन की मांग पर डटे मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर भारी पड़ने लगी है। हड़ताल से मनरेगा मजदूरी कर रहे ग्रामीणों को विगत दो महीने से कोई रोजगार नहीं मिल सका है।

विकासखंड सल्ट समेत प्रदेश के मनरेगा कर्मचारियों की विगत मार्च से हड़ताल जारी है। प्रदेश की राजधानी देहरादून में समायोजन और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे की मांग कर रहे मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास कार्य रुक गया है। हड़ताल से पूर्व तक मनरेगा मजदूरी करने वाले ग्रामीणों के मस्ट रोल, कार्यों की एमबी, कार्यक्रम प्लानिग आदि कार्य बंद पड़े हैं। हड़ताल का सीधा असर मजदूरी करने वाले गरीब ग्रामीणों पर पड़ रहा है। वहीं, हड़ताल के कारण नए कार्यों के लिए भी प्रस्ताव नहीं हो पा रहे हैं। विगत दो माह से विकास खंड की सभी ग्रामसभाओं में विकास कार्य रुक गए हैं। कोरोना महामारी के कारण इन दिनों प्रवासी लोग भी गांव की ओर आने लगे हैं। शहरी क्षेत्रों में रोजगार छिन जाने के बाद गांव में भी मनरेगा के कार्य नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। उधर, मनरेगा कर्मचारियों ने मांग पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया। देहरादून में हड़ताल पर बैठे विकास खंड सल्ट के उपकार्यक्रम अधिकारी गंभीर रमोला ने बताया कि सभी मनरेगा कर्मचारी विगत दो माह से हड़ताल पर बैठे हैं। बताया कि पड़ोसी राज्य हिमाचल ने मनरेगा कर्मचारियों की मांग को पहले ही पूरा कर दिया है जबकि अपनी जायज मांगों को पूरा करने की मांग पर वे दो माह से हड़ताल पर बैठे हैं। सल्ट से हड़ताल पर गए कर्मचारियों में कंप्यूटर प्रोग्रामर अजय गोस्वामी, कनिष्ठ अभियंता नितिन प्रकाश, कंप्यूटर ऑपरेटर आनंद सिंह, ग्राम रोजगार सेवक पंकज सिंह, सुंदर वर्मा, राजेश गौड़ आदि शामिल हैं।

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