रानीखेत के कालिका में विकसित देश के पहले फर्न संरक्षण क्षेत्र का शुभारंभ

रानीखेत स्थित कालिका वन रेंज में प्राकृतिक रूप से विकसित देश के पहले फर्नेटम क्षेत्र का शुभारंभ हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 10:35 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 10:35 PM (IST)
रानीखेत के कालिका में विकसित देश के पहले फर्न संरक्षण क्षेत्र का शुभारंभ
रानीखेत के कालिका में विकसित देश के पहले फर्न संरक्षण क्षेत्र का शुभारंभ

संस, रानीखेत (अल्मोड़ा) : कालिका वन रेंज में प्राकृतिक रूप से विकसित देश के पहले फर्नेटम (संरक्षण परिक्षेत्र) ने मूर्तरूप ले लिया है। अब इसे एशिया स्तर का अध्ययन स्थल बनाने की तैयारी कर ली गई है ताकि शोधार्थी डायनासोर युग की इन फर्न प्रजातियों के बारे में रू ब रू हो सकें। फिलवक्त यहां 103 विभिन्न किस्म के फर्न हैं। इनमें उत्तराखंड की 95 प्रतिशत प्रजातियां हैं। जल्द ही इनकी संख्या 120 हो जाएगी।

कालिका वन अनुसंधान केंद्र के दलमोठी रोड पर जुरासिक दौर की फर्न प्रजातियों का अद्भुत संसार (फर्नेटम) बसाया गया है। मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान) संजीव चतुर्वेदी ने रविवार को इसका विधिवत शुभारंभ किया। उत्तराखंड के उच्च, मध्य व निचले हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली प्रजातियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि इस फर्नेटम को बहुत जल्द एशिया स्तर का सबसे बड़ा प्राकृतिक रूप से विकसित परिक्षेत्र बना लिया जाएगा। कहा कि प्रकृति से उपहार में मिली फर्न प्रजातियां औषधीय रूप से बेहद फायदेमंद हैं। इन्हें सहेजकर रखने की जरूरत है। इसी मकसद से कालिका में एक हेक्टेयर क्षेत्र में फर्नेटम तैयार किया गया है। इस दौरान वनस्पति विज्ञानी डा. एन पुनेठा, रेंज एवं शोध अधिकारी आरपी जोशी, हर सिंह कुवार्बी, नंदाबल्लभ तिवारी, जेआरएफ जूनियर रिसर्च फैलो अंजू भंडारी आदि मौजूद रहीं।

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हंसराज फर्न सर्पदंश में रामबाण

उत्तराखंड की विशिष्ट फर्न प्रजाति हंसराज औषधीय गुणों से भरपूर है। मुख्य वन संरक्षक संजीव ने अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि इसकी जड़ों का उपयोग सर्पदंश को बेअसर करने के लिए किया जाता है। कालिका में इसकी 10 प्रजातियां जड़ें जमा चुकी हैं।

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स्पाइस गार्डन का भी जायजा

बाद में सीसीएफ संजीव ने सौनी बिनसर में विकसित किए जा रहे स्पाइस गार्डन का जायजा लिया। यहां उगाई जा रही मसाला प्रजातियों के बारे में दिशा निर्देश दिए।

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'केरल में ग्रीन व शेड हाउस में फर्न प्रजातियों का संरक्षण केंद्र बनाया गया है, लेकिन कालिका में देश का पहला फर्नेटम स्थानीय आबोहवा के अनुरूप प्राकृतिक रूप से तैयार किया है। इसे हम एशिया स्तर का लर्निग सेंटर बनाएंगे। फर्न प्रजातियों के अध्ययन के लिए इसे नोडल सेंटर बनाने जा रहे हैं।

- संजीव चतुर्वेदी, सीसीएफ अनुसंधान हल्द्वानी'

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