देघाट की व्यापारी राजनीति में दोफाड़

संवाद सहयोगी, स्याल्दे (रानीखेत) : देघाट व्यापार मंडल दोफाड़ हो गया है। दो धड़ों में बंटे द

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 05:14 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 05:14 PM (IST)
देघाट की व्यापारी राजनीति में दोफाड़
देघाट की व्यापारी राजनीति में दोफाड़

संवाद सहयोगी, स्याल्दे (रानीखेत) : देघाट व्यापार मंडल दोफाड़ हो गया है। दो धड़ों में बंटे दोनों गुटों के बीच अब संगठन में वर्चस्व की लड़ाई भी तेज हो चली है। यही नहीं एक गुट के चुनाव कराने के बाद दूसरे ने व्यापार विकास समिति के नाम से नया संगठन भी खड़ा कर दिया है। एक धड़ा 126 तो दूसरा 120 व्यापारियों के समर्थन का बाकायदा दावा भी कर रहा।

व्यापारी हित तथा एकजुटता की दुहाई देने वाला देघाट व्यापार मंडल गुटबाजी में बिखर गया है। वैचारिक टकराव के बाद दो धड़ों में बंटी व्यापारी राजनीति के एक गुट ने चुनाव करा कार्यकारिणी गठित की। जवाब में दूसरे गुट ने व्यापार विकास समिति के नाम से नया संगठन खड़ा कर पदाधिकारियों का चुनाव भी करा दिया। ब्लॉक प्रमुख आनंदी कत्यूरा ने सर्वसम्मति से निर्विरोध चुने गए पदाधिकारियों को सादे समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

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ये चुने गए पदाधिकारी

प्रह्लाद सिंह व्यापार विकास समिति अध्यक्ष, अभिनंदन रजवार उपाध्यक्ष, नवीन चंद्र सचिव, महेश ढौढियाल कोषाध्यक्ष बनाए गए। इस मौके पर समिति संरक्षक मोहन सिंह, भुवन गिरि, ईश्वरी दत्त्त, सुंदर लाल वर्मा, सुरेंद्र मनराल, दुर्गा मैठानी, खजान चंद्र, भूपेंद्र कत्यूरा, भूपाल कत्यूरा, सुरेश बिष्ट, हेमंत डंगवाल, पुष्कर ममगाई, दिनेश जोशी, भूपाल मनराल, कवि दत्त, जीवन ढौढियाल व हरीश मनराल आदि मौजूद रहे।

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कौन वास्तविक, कितना संख्याबल संशय बरकरार

उधर पूर्व से चले आ रहे व्यापार मंडल के संरक्षक भैरव ढौढियाल के अनुसार अशोक तिवारी की अध्यक्षता वाले व्यापार मंडल को 120 व्यापारियों का समर्थन है। जबकि देघाट बाजार में कुल 180 व्यापारी पंजीकृत हैं। ऐसे में कौन सा गुट वास्तविक व्यापार मंडल है और किसके पास कितना संख्याबल है, संशय बना हुआ है। अलबत्ता देघाट की व्यापारी राजनीति में अब दो संगठन बन गए हैं।

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