कोसी नदी में बह गए करोड़ों

संवाद सहयोगी, सोमेश्वर (अल्मोड़ा) : कोसी नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए जहां एक ओर अभियान चलाकर करोड़

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 11:57 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 11:57 PM (IST)
कोसी नदी में बह गए करोड़ों
कोसी नदी में बह गए करोड़ों

संवाद सहयोगी, सोमेश्वर (अल्मोड़ा) : कोसी नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए जहां एक ओर अभियान चलाकर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। वहीं सोमेश्वर में कोसी नदी में लगातार फेंके जा रहे कूड़े के कारण यह नदी अपने अस्तित्व के लिए छटपटा रही है। नदी में फेंके जा रहे कूड़े के कारण जहां नदी का पानी गंदा होता जा रहा है। वहीं गर्मियों के मौसम में यह गंदगी जन स्वास्थ्य पर भी भारी पड़ सकती है।

कोसी नदी सोमेश्वर से ऊपर पिनाथ और कांटली के जंगलों से निकलती है। जो अल्मोड़ा तक के गांवों व कस्बों को पीने का पानी मुहैया कराती है, लेकिन पिछले कुछ सालों से उद्गम स्थल से कुछ दूरी पर आकर यह नदी लगातार गंदी होती जा रही है। सोमेश्वर बाजार में प्रतिदिन पैदा होने वाला कूड़ा लगातार कोसी नदी में डाला जा रहा है। जिससे नदी का पानी लगातार विषैला होता जा रहा है। कोसी नदी से अल्मोड़ा जिले की एक लाख से अधिक की आबादी प्रतिदिन अपनी प्यास बुझाती है, लेकिन इसके बाद भी नदी की साफ सफाई के प्रति कोई गंभीर नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक ओर कोसी नदी के पुनर्जनन के लिए प्रशासन करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रहा है। वहीं दूसरी ओर सोमेश्वर में कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था न होने के कारण लोग बाजार में पैदा होने वाले कूड़े को नदी में डाल रहे हैं। ऐसे में कोसी नदी को कैसे पुनर्जीवित किया जा सकेगा। यह सवाल सभी के लिए चुनौती बना हुआ है। --------------

कोसी नदी को स्वच्छ रखने के लिए लोगों को समय समय पर जागरूक किया जाता है। कूड़ा निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था न होने के कारण लोग कूड़ा नदी में डाल रहे हैं। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई है।

-बिशन लाल, वन क्षेत्राधिकारी, सोमेश्वर

chat bot
आपका साथी