द्वाराहाट में 13 वर्ष में तय न कर सके 16 किमी का सफर

द्वाराहाट में पर्वतीय क्षेत्रों के दुर्गम में ग्रामीण विकास का दम फूल रहा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Jun 2021 10:50 PM (IST) Updated:Sun, 27 Jun 2021 10:50 PM (IST)
द्वाराहाट में 13 वर्ष में तय न कर सके 16 किमी का सफर
द्वाराहाट में 13 वर्ष में तय न कर सके 16 किमी का सफर

संस, द्वाराहाट: पर्वतीय क्षेत्रों के दुर्गम में ग्रामीण विकास का दम फूल रहा। सदियों पुराना चारधाम यात्रा मार्ग की मौजूदा हालत इसकी बानगीभर है। स्वीकृति के 13 वर्ष बाद भी सड़क मूर्तरूप नहीं ले सकी है। नतीजतन, 24 से ज्यादा गांव जहां बुनियादी सुविधा से वंचित हैं, वहीं बरसात में मलबे से पटने व जलभराव की वजह से पैदल चलना तक दूभर हो चला है।

प्राचीन खैरना कर्णप्रयाग पैदलमार्ग को पक्की सड़क में बदलने के मकसद से वर्ष 2008 में द्वाराहाट से बरलगाव (चौखुटिया) तक 16 किमी सड़क स्वीकृत हुई। मकसद था बद्रीनाथ हाइवे पर दबाव कम कर दुर्गम में बसे गावों को सड़क सुख मुहैया कराना। शुरूआत में रोड कटान किया गया। मगर बाद में आधा अधूरा छोड़ दिया गया। द्वाराहाट से शुरुआती चार किमी तक तो हालत बेहद दयनीय है। सड़क पर मलबे के ढेर और पेड़ गिरे होने से खस्ताहाल मार्ग भी बंद पड़ा है। ऐसे में आपात स्थिति में एंबुलेंस या घरेलू गैस का वाहन भी आ जा नहीं सकता।

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ग्रामीणों में गुस्सा, पांच जुलाई से आंदोलन का एलान

प्राचीन चारधाम यात्रा मार्ग को पक्का न किए जाने से नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन व विभाग को चार जुलाई तक की मोहलत दी है। आरोप लगाया कि बार बार गुहार शिकायत के बावजूद सड़क निर्माण शुरू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने पांच जुलाई से आंदोलन की चेतावनी दी है। इसी सिलसिले में सीएम को ज्ञापन भी भेजा गया। इनमें जिला पंचायत सदस्य लता रौतेला, ग्रामप्रधान गणेश चंद्र, हेम रौतेला, प्रेम राम, सुनील आर्या, रतन सिंह, राजेंद्र सिंह, जगदीश रौतेला, मीनाक्षी रौतेला, कुंवर सिंह, बसंत बल्लभ काडपाल, महेश सिंह आदि शामिल हैं।

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'करीब चार किमी चौड़ीकरण का कार्य बचा है। आगणन बनाकर शासन को भेज दिया है। निर्माणाधीन सड़क के शेष हिस्से में पीएमजीएसवाइ डामरीकरण का कार्य कर रही है। शेष कार्य को जल्द पूरा कर लेंगे।

- एमसी जोशी, ईई लोनिवि'

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