संसाधन विहीन वन महकमे में कम नहीं हैं चुनौतियां

रमेश जड़ौत, अल्मोड़ा जिले के सिविल सोयम वन प्रभाग में कर्मचारियों की कमी से महकमे की चु

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 10:57 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 10:57 PM (IST)
संसाधन विहीन वन महकमे में कम नहीं हैं चुनौतियां
संसाधन विहीन वन महकमे में कम नहीं हैं चुनौतियां

रमेश जड़ौत, अल्मोड़ा

जिले के सिविल सोयम वन प्रभाग में कर्मचारियों की कमी से महकमे की चुनौतियां लगातार बढ़ा रही हैं। कर्मचारियों का टोटा होने के कारण जहां तैनात कर्मचारियों पर काम का बोझ काफी अधिक है। वहीं इस कमी के कारण कई विकास कार्य काफी समय से लंबित पड़े हैं।

वन संबंधी कार्यो के लिए खोले गए सिविल सोयम वन प्रभाग के पास बिंसर वन्य जीव विहार, मिनी जू, लीसा कूप, योजनाओं के प्रोजेक्ट निर्माण, वन उपज, अवैध तस्करी, वन भूमि हस्तांतरण समेत अनेक कार्यो की जिम्मेदारी है। लेकिन पिछले कुछ सालों से विभाग में कर्मचारियों की कमी के कारण अब इसका असर सीधे इन कार्यो पर पड़ रहा है। प्रभागीय वनाधिकारी के सेवानिवृत होने के बाद अभी तक इस महत्वपूर्ण पद पर किसी अधिकारी की तैनाती नहीं हो पाई है। जबकि पिछले दो सालों से एसडीओ का पद भी रिक्त चल रहा है। इससे ग्रामीणों की समस्याओं के निस्तारण व अन्य विभागीय कार्र्यो में काफी दिक्कतें सामने आ रही हैं। ऐसा नहीं कि कर्मचारियों की कमी की जानकारी निदेशालय और शासन के उच्च अधिकारियों को नहीं है। लेकिन इसके बाद भी कर्मचारियों की तैनाती न होना महकमे की चुनौतियां को लगातार बढ़ा रहा है।

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सिविल सोयम वन प्रभाग में कर्मचारियों की स्थिति

पद - स्वीकृत - तैनाती

डीएफओ - 01 - 00

एसडीओ - 01 - 00

रेंजर - 07 - 03

डिप्टी रेंजर - 18 - 06

वन दारोगा - 36 - 30

वन रक्षक - 51 - 34

लेखाकर - 01 - 00

सहायक सांख्यिकी अधिकारी - 01 - 00

वरिष्ठ सहायक - 02 - 00

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योजनाओं के प्रोजक्ट बनाने में भी दिक्कत

सिविल सोयम वन प्रभाग में एसडीओ की तैनाती न होने से विभिन्न योजनाओं के प्रोजेक्ट बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों के न होने के कारण जहां नई योजनाएं अस्तित्व में नहीं आ रही हैं। वहीं लंबित मामलों का भी निस्तारण नहीं हो पा रहा है।

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विभाग में कर्मचारियों की थोड़ी कमी है। लेकिन कोई भी कार्य प्रभावित नहीं होने दिया जा रहा है। कर्मचारियों की कमी के बारे में शासन को लिखा गया है। भर्ती के बाद कर्मचारियों की कमी को दूर कर लिया जाएगा।

-जयराज, मुख्य वन संरक्षक, उत्तराखंड

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