अल्मोड़ा में नहीं लग सकी ब्लड सेपरेशन यूनिट

एक साल से अधिक समय बाद भी अल्मोड़ा को ब्लड सेपरेशन यूनिट की सौगात नहीं मिल सकी है। अब भी जिले में रक्त से प्लाज्मा अलग करने की कहीं कोई सुविधा नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 05:12 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 05:12 PM (IST)
अल्मोड़ा में नहीं लग सकी ब्लड सेपरेशन यूनिट
अल्मोड़ा में नहीं लग सकी ब्लड सेपरेशन यूनिट

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : एक साल से अधिक समय बाद भी अल्मोड़ा को ब्लड सेपरेशन यूनिट की सौगात नहीं मिल सकी है। अब भी जिले में रक्त से प्लाज्मा अलग करने की कहीं कोई सुविधा नहीं है। इसके अलावा डेंगू और अन्य मरीजों के लिए भी रक्त के विभाजन की व्यवस्था भी नहीं है। जिसके लिए मरीजों को हल्द्वानी के चक्कर काटने पड़ते हैं।

पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं का भारी अभाव है। अस्पतालों में अब तक रक्त को अलग-अगल प्रकार से विभाजित करने यानी ब्लड सेपरेशन यूनिट तक नहीं है। कोरोना काल के शुरुआती दौर में संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा डोनेट किया जा रहा था। जिसके चलते जिला अस्पताल में भी सेपरेशन यूनिट लगाई जानी थी। शासन स्तर से सेपरेशन यूनिट के लिए प्रस्ताव मांगा गया। सीएमओ कार्यालय से प्रस्ताव भेजे हुए एक साल बीत गया, लेकिन यहां सेपरेशन यूनिट नहीं लग सकी। जिस कारण प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, आरबीसी और क्रायोप्रेसीपिटेट अलग-अलग नहीं हो पाता है। ऐसे में मरीजों को विभिन्न रोगों से ग्रसित होने पर हल्द्वानी रेफर किया जा रहा है। होल ब्लड यूनिट से ही चल रहा काम

जिले में सेपरेशन यूनिट नहीं होने से मरीजों को यहां जरूरत पड़ने पर प्लाज्मा चढ़ाने की व्यवस्था नहीं है। सेपरेशन यूनिट से रक्त को तीन से चार प्रकार में विभाजित किया जाता है। यहां सिर्फ सामान्य यानी होल ब्लड यूनिट ही है। जिससे प्लेटलेट्स और डेंगू के उपचार में भी सुविधा नहीं मिल पा रही है। ब्लड सेपरेशन यूनिट के लिए पहले प्रस्ताव जा चुका है। फिर से प्रस्ताव भेजा जाएगा। जैसे ही प्रस्ताव पास होगा, यूनिट स्थापित करने की कार्रवाई की जाएगी।

- डा. आरसी पंत, सीएमओ अल्मोड़ा

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