रानीखेत द्वाराहाट हाईवे पर उखाड़ने लगा करोड़ों का डामर
सड़कें सरकारी बजट को ठिकाना लगाने का जरिया बन चुकी हैं। रानीखेत द्वाराहाट हाईवे इसका उदाहरण है।
संवाद सहयोगी,रानीखेत : सड़कें सरकारी बजट को ठिकाना लगाने का जरिया बन चुकी हैं। करोड़ों की लागत से घिघारीखाल-द्वाराहाट हाईवे पर किया गया डामरीकरण दम तोड़ने लगा है। जगह-जगह गढ्डे गुणवत्ता की हकीकत बया कर रहे हैं। ग्रामीणों ने उच्चस्तरीय जाच की माग उठाई है।
घिघारीखाल-द्वाराहाट हाईवे पर गगास से घिघारीखाल तक करीब आठ करोड़ रुपये की लागत से डामरीकरण का कार्य किया गया। गुणवत्ता विहीन कायरें के चलते कुछ ही समय में हाईवे पर गढ्डे होने लगे। तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वाराहाट आगमन पर एनएच कर्मियों ने हाईवे को कई जगह डामरीकरण की जगह सीमेंट से लेप दिया था ताकि मुख्यमंत्री को हिचकोले ना खाने पड़े। अब एक बार फिर हाईवे पर जगह-जगह डामर उखड़ने लगा है। दुर्घटना का खतरा भी बढ़ गया है। चौकुनी क्षेत्र के आसपास जगह-जगह गढ्डे भ्रष्टाचार की हकीकत बया कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप कुछ महीने पूर्व ही भारी-भरकम सरकारी धनराशि से डामरीकरण हो जाने के बाद कुछ ही दिनों में गढ्डे हो जाना विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी बजट की खुलेआम बर्बादी की जा रही है। गुणवत्ता के अभाव में हाईवे पर डामरीकरण दम तोड़ता जा रहा है। हाईवे पर सुबह-शाम कई बड़े अधिकारी व नेता आवाजाही करते हैं बावजूद किसी को भी गढ्डे नजर नहीं आ रहे। क्षेत्रवासियों ने हाईवे को दुरुस्त किए जाने की तथा मामले की उच्च स्तरीय जाच की माग की है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि हीलाहवाली की गई तो आदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।