आधुनिक नृत्य के जन्मदाता की कर्मस्थली रही अल्मोड़ा

भारत में आधुनिक नृत्य के जन्मदाता व प्रसिद्ध भारतीय नर्तक कोरियोग्राफर उदय शंकर ने अपनी कर्मस्थली अल्मोड़ा को बनाया। उन्हें आज भी पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य में पश्चिमी रंगमंचीय तकनीकों को अपनाने के लिए जाना जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 05:47 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 05:47 PM (IST)
आधुनिक नृत्य के जन्मदाता की कर्मस्थली रही अल्मोड़ा
आधुनिक नृत्य के जन्मदाता की कर्मस्थली रही अल्मोड़ा

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : भारत में आधुनिक नृत्य के जन्मदाता व प्रसिद्ध भारतीय नर्तक, कोरियोग्राफर उदय शंकर ने अपनी कर्मस्थली अल्मोड़ा को बनाया। उन्हें आज भी पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य में पश्चिमी रंगमंचीय तकनीकों को अपनाने के लिए जाना जाता है। करीब सात वर्षों तक वह यहां रहे और अपनी अनुपम विरासत छोड़ गए, जो अब भी युवक-युवतियों को प्रेरित करती है।

नृत्य सम्राट उदय शंकर को अल्मोड़ा से बेहद लगाव था। इसीलिए वह मुम्बई जैसी सुविधाओं वाली जगहों को छोड़ 1938 को अल्मोड़ा आ गए। धार की तुनि और पाताल देवी के बीच स्थित प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थान को उदय शंकर ने अपनी कर्मस्थली बनाया। तब इस स्थान तक सड़क भी नहीं थी। इसी स्थान पर उदय शंकर ने अपना उदय शंकर इंडिया कल्चर सेंटर स्थापित किया।

रामलीला में छायांकन विधि का प्रयोग

प्रतिभा के धनी उदय शंकर का नृत्य विभिन्न ललित कलाओं जैसे संगीत, चित्रकला, रंगमंच, कविता तथा स्थापत्य कला से परिपूर्ण था। कुमाऊंनी रामलीला में भी उदय शंकर ने नाट्यकला, लोककला को लेकर प्रयोग किए। इसमें छायांकन विधि से रामलीला का मंचन उल्लेखनीय है।

नायिका जोहरा सहगल, गुरुदत्त कई संस्थान से जुड़े

उदय शंकर इंडिया कल्चर सेंटर में प्रसिद्ध नृत्यांगना व नायिका जोहरा सहगल और उनकी छोटी बहन उजरा ने शिक्षक के रूप में कार्य किया। प्रसिद्ध लेखक, निर्देशक और नायक गुरु दत्त, उदय शंकर की पत्नी अमला शंकर, गायिका लक्ष्मी शंकर, उदय के छोटे भाई पंडित रवि शंकर, उस्ताद अली अकबर खान इस संस्थान से जुड़े रहे और अल्मोड़ा में रहकर प्रतिभा को निखारते रहे। द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ने के कारण उन्हें अपनी नृत्य कंपनी को लेकर यहां से जाना पड़ा। इसके और अन्य कारण भी बताए जाते हैं।

---उदय शंकर परिचय ---

- जन्म - आठ दिसंबर 1900, मृत्यु 26 सितंबर 1977

-1962 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार

-1971 में पद्म विभूषण

1975 में देशी कोत्तम सम्मान उदय शंकर की थीम पर नृत्य विधा पर आधारित कार्यशाला के लिए प्रस्ताव संस्कृति निदेशालय को भेजा गया है। समय-समय पर संस्कृति विभाग व स्थानीय कलाकार अकादमी में कार्यक्रम करते रहते है। उनकी विरासत संजोए रखी हुई है।

- डा. चंद्र सिंह चौहान, सदस्य सचिव, उदय शंकर नाट्य अकादमी

chat bot
आपका साथी