पेट्रोल शतक के पार, टैक्सी कारोबारी बेजार

पेट्रोल की कीमत शतक पार करने के बाद अब और आगे बढ़ गई है। डीजल के दाम भी सौ का आंकड़ा छूने को बेताब हैं। पेट्रो पदार्थो की कीमतों में उछाल से माल भाड़ा किराया ही नहीं रोजमर्रा से जुड़ी किराने से लेकर रसोई तक के सामान में महंगाई की आग लगने के आसार हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 06:11 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 06:11 PM (IST)
पेट्रोल शतक के पार, टैक्सी कारोबारी बेजार
पेट्रोल शतक के पार, टैक्सी कारोबारी बेजार

संस, रानीखेत : पेट्रोल की कीमत शतक पार करने के बाद अब और आगे बढ़ गई है। डीजल के दाम भी सौ का आंकड़ा छूने को बेताब हैं। पेट्रो पदार्थो की कीमतों में उछाल से माल भाड़ा, किराया ही नहीं रोजमर्रा से जुड़ी किराने से लेकर रसोई तक के सामान में महंगाई की आग लगने के आसार हैं। वहीं पेट्रोल व डीजल महंगा होने से टैक्सी कारोबार घाटे में आ गया है। संचालकों की मानें तो कोरोनाकाल के बाद से ही घाटे से बेजार टैक्सी व्यवसाय में अब पेट्रो पदार्थो की कीमतें बढ़ने से 30 फीसद की गिरावट आ गई है। कुछ संचालकों ने तो टैक्सी का काम छोड़ भी दिया है।

पर्वतीय क्षेत्रों में पेट्रोल व डीजल के दामों में शुक्रवार को फिर बदलाव हो गया। पेट्रोल बढ़कर 101.45 रुपये प्रतिलीटर पहुंच गया। यानि 102 से कुछ ही दूर है। डीजल 94.87 रुपये प्रतिलीटर रहा, जो शतक के करीब है। कमोवेश यही हाल अन्य पर्वतीय जिलों का भी रहा। कुमाऊं मंडल टैक्सी महासंघ अध्यक्ष ठाकुर सिंह बिष्ट के अनुसार सीमांत पिथौरागढ़ के धारचूला में डीजल 96.19 व पेट्रोल 102.97 रुपये प्रति लीटर को पार कर चुका है।

पांच वर्ष पूर्व 65 रुपये था पेट्रोल

पेट्रोल पांच वर्ष पूर्व 65 व बीते वर्ष कोरोना की दस्तक के दौरान 72 रुपये था। डेढ़ वर्ष के अंतराल में ही कीमत सौ के पार पहुंच गई। टैक्सी का किराया बढ़ाएं या काम छोड़ें

टैक्सी व्यवसाय के जरिये आजीविका चलाने वाले परेशान हैं। पेट्रोल के सापेक्ष यात्रा किराया बढ़ाना उनकी मजबूरी है। चार से 12 सीटर वाहनों का प्रति किमी की दर से किराया बढ़ाने पर विचार चल रहा है। मगर स्टेट ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी से अनुमति नहीं मिली है। इन हालात में गाड़ी की बैंक किश्त, रखरखाव, चालक का वेतन, टैक्स आदि की भरपाई की चुनौती से बचने को टैक्सी संचालक काम छोड़ने की भी सोचने लगे हैं। पर खपत में गिरावट नहीं

रानीखेत में इंडियन ऑयल के एकमात्र पेट्रोल पंप प्रबंधक ने बताया कि पेट्रा पदार्थो के दाम रोज अपडेट हो रहे हैं। महंगाई के बावजूद पेट्रोल व डीजल की खपत बरकरार है। यानि भागदौड़ भरी जिंदगी में समय बचाने को तेल की खरीद घटी नहीं। टैक्सी संचालन का काम 30 प्रतिशत घट गया है। हल्द्वानी तक अल्टो कार का 300, मैक्स व सूमो में 200 रुपये प्रति सवारी किराया है। पेट्रोल महंगा होने से किराया बढ़ाने पर सवारियां नहीं बैठ रहीं। मजबूरी में गाड़ी खींच रहे। अल्टो में बुकिंग 2400 व इनोवा में 3500 से 4000 रुपये तक है। पेट्रोल महंगा होने से बुकिंग बढ़ाने पर वह कैंसिल होने लगी हैैं। कुछ बच ही नहीं रहा। खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। सरकार को पेट्रो पदार्थो की कीमतें घटानी चाहिए या किराया बढ़ाने की अनुमति दे।

- ठाकुर सिंह बिष्ट, अध्यक्ष, कुमाऊं मंडल टैक्सी महासंघ

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