Black Rice : दिल्ली हाट में चंदौली के जरी और काला चावल उत्‍पाद, 15 अगस्त से 15 सितंबर तक होगा आयोजन

चंदौली के जरी उत्पाद व काला चावल का जलवा देश की राजधानी में भी दिखेगा। 16 से 31 अगस्त व एक से 15 सिंतबर तक दो चरणों में आयोजित होने वाले दिल्ली हाट में प्रतिभाग के लिए उद्योग विभाग को शासन का निर्देश मिला है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 03:35 PM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 05:36 PM (IST)
Black Rice : दिल्ली हाट में चंदौली के जरी और काला चावल उत्‍पाद, 15 अगस्त से 15 सितंबर तक होगा आयोजन
इस बार दिल्ली हाट में दोनों उत्पादों का स्टाल लगाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, चंदौली। चंदौली के जरी उत्पाद व काला चावल का जलवा देश की राजधानी में भी दिखेगा। दिल्ली हाट में दोनों उत्पादों का स्टाल लगाया जाएगा। 16 से 31 अगस्त व एक से 15 सिंतबर तक दो चरणों में आयोजित होने वाले दिल्ली हाट में प्रतिभाग के लिए उद्योग विभाग को शासन का निर्देश मिला है। ऐसे में विभाग कामगारों और किसानों को चिह्नित करने में जुट गया है। एक माह तक चलने वाले हाट में दोनों उत्पादों के अलग-अलग स्टाल लगाए जाएंगे। विभाग की ओर से कामगारों को उनके बनाए चुनिंदा उत्पादों को स्टाल में ले जाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। ताकि हाट में आने वाले देश-विदेश के खरीदार व सैलानी जिले के उत्पाद के कायल हो सकें। इससे उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग को बल मिलेगा।

देश की राजधानी में हाट का आयोजन किया जाएगा। इसमें देश भर के विभिन्न प्रांतों के कारीगर व उद्यमियों को उत्पादों का स्टाल लगाने के लिए आमंत्रित किया गया है। जिले में एक जनपद एक उत्पाद के रूप में चयनित जरी-जरदोजी के कारीगरों व काला चावल की खेती करने वाले किसानों को भी अपने उत्पादों का स्टाल लगाने का मौका मिलेगा। एक माह तक चलने वाले दिल्ली हाट में कारीगर स्टाल लगाकर अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। उनके लिए ब्रांडिंग का इससे बेहतर मौका और कोई नहीं हो सकता। दरअसल, देश व विदेश से व्यापारी, सैलानी व राजनयिकों को दिल्ली हाट में अवलोकन के लिए बुलाया जाएगा। ऐसे में जिस उत्पाद पर व्यापारियों व सैलानियों की नजर टिक गई, उसकी देश-विदेश में डिमांड बढ़ सकती है। उत्पादनकर्ताओं को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

गुणवत्ता के लिए मशहूर हैं दोनों उत्पाद : जिले के दुलहीपुर, चौरहट इलाके में जरी का काम करने वाले बेहतरीन कारीगर हैं। सेना की वर्दी पर सजने वाले बैज से लेकर लाखों रुपये कीमत वाली बनारसी साड़ियां तैयार की जाती हैं। इसके अलावा कारीगर जरी की आकर्षक डिजाइन भी बनाते हैं। चंदौली काला चावल में भी गुणवत्ता की कमी नहीं। राइस रिसर्च संस्थानों की जांच में इसमें एंथ्रोसाइनिन, विटामिन ई, फाइबर समेत अन्य पोषक तत्वों के मौजूद होने की पुष्टि हुई है। मधुमेह व ब्लड प्रेशर मरीजों के लिए इसका सेवन फायदेमंद है।

बोले अधिकारी : ‘दिल्ली हाट में जरी उत्पाद व काला चावल का स्टाल लगाया जाएगा। इसके लिए कामगारों व काला चावल की खेती करने वाले किसानों को चिह्नित किया जा रहा। जल्द ही इसकी डिटेल शासन को भेज दी जाएगी। -गौरव मिश्रा, उपायुक्त, उद्योग। 

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